भर्ती परीक्षाओं में गलत सवाल पूछे जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा।
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में भी दो सवालों को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।
अभ्यर्थियों का दावा है कि दो सवाल गलत पूछे गए। शनिवार को शहर के 34 केंद्रों में हुई परीक्षा में 58 फीसदी अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में भी दो सवालों को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया।
अभ्यर्थियों का दावा है कि दो सवाल गलत पूछे गए। शनिवार को शहर के 34 केंद्रों में हुई परीक्षा में 58 फीसदी अभ्यर्थी उपस्थित रहे।
विज्ञापन संख्या 47 के तहत प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में 35 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1150 पदों पर भर्ती के लिए शनिवार को तीसरे एवं अंतिम चरण की लिखित परीक्षा आयोजित की गई।
भूगोल, शिक्षाशास्त्र, समाजशास्त्र, गृह विज्ञान, वाणिज्य एवं गणित विषय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए 17196 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए थे और इनमें से 9989 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। इस परीक्षा में भी सवालों को लेकर विवाद रहा। अभ्यर्थियों का दावा है कि दो सवालों के विकल्प गलत दिए गए।
इनमें से एक सवाल था कि प्रार्थना समाज की स्थापना कब हुई? अभ्यर्थियों का दावा है कि जिस वर्ष प्रार्थना समाज की स्थापना हुई, वह वर्ष विकल्प में शामिल ही नहीं था। दूसरा सवाल था कि ऋग्वेद में कितने सूक्त होते हैं? अभ्यर्थियों का दावा है कि सूक्त की सही संख्या विकल्प में नहीं दी गई थी।
इनमें से एक सवाल था कि प्रार्थना समाज की स्थापना कब हुई? अभ्यर्थियों का दावा है कि जिस वर्ष प्रार्थना समाज की स्थापना हुई, वह वर्ष विकल्प में शामिल ही नहीं था। दूसरा सवाल था कि ऋग्वेद में कितने सूक्त होते हैं? अभ्यर्थियों का दावा है कि सूक्त की सही संख्या विकल्प में नहीं दी गई थी।
अभ्यर्थियों का कहना है कि उत्तरकुंजी जारी होने पर वे इन दोनों सवालों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराएंगे।
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