इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड की अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी करने व परिणाम याचिका के निर्णय की विषयवस्तु करार देने के एकल पीठ के फैसले को सही माना है और कहा है कि ऐसा होने से किसी को कोई नुकसान नही होगा।
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन विशेष अनुमति याचिका पर चयन प्रक्रिया एवं चयन परिणाम घोषित करने पर रोक नहीं लगायी है। ऐसे में एकलपीठ के आदेश में कोई अनियमितता नहीं दिखाई देती।
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यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने प्रेमचंद्र त्रिपाठी व अन्य सहित दो अन्य विशेष अपीलों को निस्तारित करते हुए दिया है। अपील में एकल पीठ के 28 नवम्बर 2018 को पारित आदेश को चुनौती दी गयी थी। जिसके तहत अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी गयी है।
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कोर्ट द्वारा बोर्ड के दो सदस्यों डॉ. आशा लता व ललित कुमार श्रीवास्तव के चयन बोर्ड में भाग लेने पर लगी रोक पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। एसएलपी अभी भी लंबित है। बहस की गयी कि पिछले 5 सालों से भर्ती नहीं हो सकी है।
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2011 की इस भर्ती पूरा करने पर कोई अवरोध नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपील पर हस्तक्षेप से इनकार कर दिया।
साभार हिन्दुस्तान.कॉम
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