एक तो बेसिक शिक्षा विभाग पर नित नए मुकदमे हो रहे हैं ऊपर से
अधिकारियों की लापरवाही के कारण पुराने मुकदमों का बोझ कम होता नहीं नजर आ रहा।
मुख्य सचिव द्वारा नाराजगी जताने के बाद विभाग ने ऐसे डेढ़ दर्जन जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को ‘शो कॉज’ नोटिस दिया है जिन्होंने मुकदमों को लेकर लचर रवैया अपनाया।
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विभाग लम्बे समय से अपने ऊपर हुए मुकदमों को कम करने की कोशिश कर रहा है।
लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण अक्सर न्यायालयों में निदेश्क, महानिदेशक समेत अपर मुख्य सचिव तक के पर्सनल अपीयरेंस के आदेश जारी हो जाते हैं।
जून में मुख्य सचिव ने भी विभाग के न्यायालय के वादों की समीक्षा की थी और जिलों से प्रतिशपथ पत्र दाखिल करने को लेकर लम्बित मामलों पर नाराजगी जताई थी।
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इसके बाद विभाग ने भी पत्र जारी कर इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए थे लेकिन बावजूद इसके केवल 869 मामलों में ही प्रतिशपथ पत्र दाखिल किए गए यानी अब भी 2627 मामलों में प्रतिशपथ पत्र दाखिल होना रह गया है।
ये मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ पीठ में 2012 से 2020 तक के हैं ।
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यहां के अधिकारियों को मिला शो कॉज नोटिस
प्रयागराज, अयोध्या, प्रतापगढ़, बुलंदशहर, बलिया, बाराबंकी, आजमगढ़, संतकबीर नगर, शाहजहांपुर, फतेहपुर, मुरादाबाद, गाजीपुर, फिरोजाबाद, कानपुर देहात व वाराणसी.
अधिकारियों की लापरवाही के कारण पुराने मुकदमों का बोझ कम होता नहीं नजर आ रहा।
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इसके बाद विभाग ने भी पत्र जारी कर इसे सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेने के निर्देश दिए थे लेकिन बावजूद इसके केवल 869 मामलों में ही प्रतिशपथ पत्र दाखिल किए गए यानी अब भी 2627 मामलों में प्रतिशपथ पत्र दाखिल होना रह गया है।
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यहां के अधिकारियों को मिला शो कॉज नोटिस
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