इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती की उत्तर
पंजिका के पुनर्मूल्यांकन के समय कुछ प्रश्नों को छोड़ देने को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है।
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पंजिका के पुनर्मूल्यांकन के समय कुछ प्रश्नों को छोड़ देने को लेकर दाखिल याचिका पर राज्य सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है।
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यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर एवं न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की खंडपीठ ने अभिषेक कुमार बाजपेयी की याचिका पर दिया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा का कहना है कि याची की उत्तर पंजिका का पुनर्मूल्यांकन किया गया और उसके पांच अंक बढ़े भी हैं लेकिन कुछ ऐसे प्रश्नों की जांच नहीं की गई जिनकी उत्तर पंजिका में कटिंग रही है।
कहा गया है कि अनिरुद्ध नारायण शुक्ल केस में पारित निर्देश का पालन नहीं किया गया है। यदि प्रश्नों के उत्तर नहीं जांचे गए तो उसका कारण बताया जाना चाहिए।
राज्य सरकार की ओर से अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने जानकारी के लिए समय मांगा कि याची के सही उत्तर की जांच की गई है या नहीं।
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यदि नहीं की गई तो किस कारण से नहीं की गई है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए सात अगस्त की तारीख लगाते हुए सरकार से हलफनामा मांगा है।
सरकार की तरफ से यह भी कहा गया कि उक्त शिक्षक भर्ती में दो बार पुनर्मूल्यांकन कराया गया है। ऐसे में बार-बार इसी प्रक्रिया को अपनाने से भर्ती में अनावश्यक विलम्ब होगा ।
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