Basic school admission : प्राइमरी दाख‍िले में एज क्राइटेरिया को चुनौती वाली याचिका बॉम्बे HC ने की खारिज - updatesbit

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Basic school admission : प्राइमरी दाख‍िले में एज क्राइटेरिया को चुनौती वाली याचिका बॉम्बे HC ने की खारिज

 मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने महाराष्ट्र सरकार के 2015 के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है। 


 इस फैसले के अनुसार सिर्फ छह वर्षीय बच्चों को कक्षा 1 में भर्ती होने की अनुमति दी गई है।


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 जस्टिस राव देशपांडे और पुष्पा गणेदीवाला की दो सदस्यीय खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह नीति का मामला है और यह अदालत महाराष्ट्र राज्य द्वारा लिए नीतिगत निर्णय पर अपील नहीं ले सकती। 

 बता दें कि 23 जनवरी, 2015 को राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इसे जारी किया गया था।

 याचिकाकर्ताओं के बच्चों को स्कूल में इसलिए एडमिशन देने से मना कर दिया गया था क्योंकि बच्चे तय उम्र से कम थे इसलिए आयु मानदंड को पूरा नहीं किया गया था।  इसके बारे में याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका दी थी।


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 शशिक्षा विभाग द्वारा जून 2010 में जारी एक जीआर के तहत कहा गया था कि कक्षा एक के छात्रों के प्रवेश के लिए एलिजिबिलिटी पांच साल की उम्र होना जरूरी है।

  फिर उसके बाद जनवरी 2015 के आदेश में कट-ऑफ की उम्र में एक साल की वृद्धि करते हुए इसे छह साल कर दिया।  इसमें प्रधानाचार्य को 15 दिन की छूट देने का अधिकार दिया गया था।

 याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में याचिका डालते हुए कहा था कि उनके बच्चों को कट-ऑफ एज मानदंड को पूरा न करने के कारण कक्षा 1 में प्रवेश से मना कर दिया गया था।  उनके बच्चे कट-ऑफ एज से 22 दिन या दो महीने छोटे थे।


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 याचिका में अभिजातियों ने कहा कि उनके बच्चे को अगर प्राइमरी में एडमिशन नहीं मिला है, तो उन्होंने एक एकेडमिक इयर पीछे हो जाएगा। 

 याचिकाकर्ताओं ने जनवरी 2015 के जीआर का हवाला देते हुए कहा कि कट-ऑफ एज मानदंड इसके तहत अनुचित और मनमाना था।

 याचिकाकर्ताओं ने अन्य राज्यों और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों के नियमों का हवाला भी दिया। 

 जहाँ कक्षा 1 के छात्रों को पाँच वर्ष की आयु पूरी करने पर प्रवेश देने का प्रावधान है।

 हालांकि, एचसी ने याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि महाराष्ट्र जीआर को इस आधार पर चुनौती नहीं दी जा सकती है कि सीबीएसई स्कूलों और अन्य राज्यों ने पांच साल की आयु पूरी करने के मानक निर्धारित किए हैं।  भी ही कोर्ट ने ये फैसला भी दिया कि दोनों याचिकाकर्ताओं के बच्चे 

इस साल कक्षा 1 में प्रवेश के लिए पात्र हैं।


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 बता दें कि राज्य शिक्षा विभाग ने 18 सितंबर को एक नया जीआर जारी किया था, जिसमें इस शैक्षणिक वर्ष के लिए 30 सितंबर से 31 दिसंबर की रेफरल डेट को शामिल किया गया था। 

 साथ ही कहा गया था कि इस शैक्षणिक वर्ष में कक्षा 1 में प्रवेश के लिए कट-ऑफ आयु को कम करेगा।

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