उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों में एमबीए इस
साल के अंत तक पहुंच जाएंगे।
प्रदेश के 1.59 स्कूलों के प्रधानाचार्यों को एक-एक एमबी दिया जाना है।
इसकी खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग को 1,64,323 करोड़ खरीदने हैं और इसमें 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
साल के अंत तक एमबीए स्कूलों तक पहुंच जाएगी। वर्षों के लिए कंपनियों के 29 सितंबर तक आवेदन करना चाहिए।
कम्पनियों को ब्लॉक स्तर पर एमबी की सप्लाई देनी होगी। इस एमबी में बायोमीट्रिक हाजिरी की व्यवस्था है।
इसके माध्यम से प्रधानाचार्यों व शिक्षकों की जवाबदेही तय की जाएगी।
पिछले सत्र में भी एमबी की योजना आई थी लेकिन इसके टेण्डर में ज्यादा कंपनियों वाले नहीं आईएन थे। इक्का-दुक्का कंपनियों के लिए खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से नहीं की गई।
इस बार फिर से एमबी प्रधानचार्यों को देने की तैयारी है। प्रधानाध्यापकों के अलावा इसमें 4400 जलीय रिसोर्स पर्सन और 880 ब्लॉक रिसोर्स सेनरटर को भी वितरित किया गया है।
इसके साथ डेटा प्लान भी दिया जाएगा। राज्य स्तर पर इसका नियंत्रक कक्ष बनाया जाएगा और जिला स्तर पर भी नियंत्रक कक्ष तैयार होगा।
पिछले सत्र में राज्य सरकार ऐसी एमबी की खरीद करने जा रही थी जिससे फोटो के माध्यम से हिरीरी ली जा सकेगी। जियोटैगिंग से शिक्षकों की हिरी सुनिश्चित की जाती है।
लेकिन सेल्फी के माध्यम से हिरी का खूब विरोध हुआ जिसका तोड़ निकालते हुए सरकार ने बायोमीट्रिक हाजिरी वाले एमबीए की व्यवस्था की।
इसके माध्यम से बच्चों की हाजिरी भी सुनिश्चित करने की योजना है।
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