UP BEd ADMISSION: शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु 2030 के बाद होने वाली शिक्षक भर्ती में प्रोफेशनल लोगों की भर्ती के उद्देश्य से दो वर्षीय बीएड की जगह अब 4 वर्षीय बीएड को ही पात्र माना जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार नई एजुकेशन पालिसी के तहत बीएड का कोर्स अब चार साल का करने जा रहा है।
बता दें कि न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बीएड का कोर्स चार साल का कर दिया गया है।
हालांकि न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत यह कोर्स 2030 तक लागू करने की छूट प्रदान की गई है लेकिन केंद्रीय सरकारीकरण की इच्छा यह है कि न्यू एजुकेशन पालिसी को 2022 से ही लागू कर दिया जाए।
जिसके मद्देनजर सूबे की सरकार वर्ष 2022 से ही बेड का कोर्स चार साल के लिए शुरू कर सकती है।
इस समय प्रदेश में केवल दो वर्षीय बीएड का कोर्स ही चल रहा है। दो वर्षीय बीएड कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता तय की गयी है।
इस समय प्रदेश में दो वर्षीय बीएड का कोर्स उन सभी अभ्यर्थियों के लिए कराया जा रहा है चाहे वह रुही हों या वसुड़ी।
लेकिन नई एजुकेशन पालिसी के तहत अब रुय अभ्यर्थियों के लिए दो साल की बीएड और पोस्टिंग अभ्यर्थियों के लिए एक साल बासड की बात कही गयी है।
जबकि ऐसे अभ्यर्थी जो सीधे इंटरमीडिएट के बाद बीएड का कोर्स करना चाहते हैं, उन अभ्यर्थियों के लिए 4 वर्षीय बीएड कोर्स की व्यवस्था की गई है।
सेंट्रल गवर्नमेंट द्वारा जारी की गई न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत 2030 के बाद शिक्षक भर्ती के लिए केवल वही अभ्यर्थी पात्र माने जाएंगे जो 4 वर्षीय बीएड का कोर्स किए जाएंगे।
सरकार की मंसा है कि जिस तरह से छात्रों को मेडिकल और कंप्यूटर कोर्सों में इंटरमीडिएट के बाद दाखिला देकर उन्हें प्रोफेशनल बनाया जाता है ठीक उसी तरह से इंटरमीडिएट के बाद 4 वर्षीय बीएड का कोर्स करने वाले अभ्यर्थी भी पूरी तरह से प्रोफेशनल हो जाएंगे और इससे शिक्षा लेंगे में गुणवत्ता में सुधार होगा।
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