नर्सरी-केजी के बच्चों को पढ़ाने के लिए वर्करों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन कक्षाओं के लिए एनसीईआरटी पाठ्यक्रम तैयार करेगा। सरकारी स्कूलों में केंद्रों को शिफ्ट भी किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्र सरकार ने यह प्रावधान किया है। साल 2021 से हिमाचल में इसको लेकर काम शुरू हो जाएगा।
हिमाचल में अभी 3480 सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी की कक्षाएं चलाई जा रही हैं। इन स्कूलों का नए शैक्षणिक सत्र से पहले दायरा और अधिक बढ़ाया जाएगा।
शिक्षा नीति में बताया है कि वर्तमान समय में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) की सभी तक पहुंच नहीं होने के कारण बच्चों का एक बड़ा हिस्सा प्रथम कक्षा में प्रवेश पाने के कुछ ही हफ्तों बाद अपने सहपाठियों से पिछड़ जाता है।
ऐसे में एनसीईआरटी और एससीईआरटी की ओर से केजी के विद्यार्थियों के लिए अल्पकालीन तीन माह का प्ले आधारित स्कूल तैयारी मॉड्यूल बनाया जाएगा।
इस मॉड्यूल को क्रियान्वित करने में सहपाठियों और अभिभावकों का भी योगदान लिया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि हर विद्यार्थी स्कूल के लिए तैयार है।
प्री प्राइमरी शिक्षा को और अधिक मजबूत करने के लिए आंगनबाड़ियों को स्कूल परिसरों में पूरी तरह से एकीकृत किया जाएगा। आंगनबाड़ी वर्करों और शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मिड-डे मील को प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए भी शुरू किया जाएगा। लंच के साथ-साथ ब्रेकफास्ट देने का भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रावधान किया गया है।
No comments:
Post a Comment