उत्तर प्रदेश सरकार ने कौशल विकास का प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों की परफॉर्मेंस की समीक्षा प्रदान करने का फैसला किया है।
प्रशिक्षण युवकों का दबाव न कराने वाली एजेंसियों पर कार्रवाई की जाएगी।
व्यावसायिक शिक्षा विभाग और कौशल विकास मिशन ने प्रदेश के युवकों को प्रशिक्षण देने के लिए कई एजेंसियों का पैनल तैयार किया था। इन एजेंसियों के साथ अनुबंध भी किया गया था।
इसमें शर्त थी कि पैनल में शामिल सभी एजेंसियों को ही कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने वाले प्रशिक्षणदाताओं में से कम से 50 प्रति युवकों का प्रशिक्षण लेना होगा। शर्त का पालन न करने वाली एजेंसियों को पूरा भुगतान नहीं किया जाएगा।
शासन को शिकायतें मिलीं कि कई एजेंसियां इस शर्त का पालन नहीं कर रही हैं।
यह देखता है शासन ने राज्य कौशल विकास मिशन निदेशालय को सभी एजेंसियों की पिछले तीन साल की परफॉर्मेंस की समीक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
कहा गया है कि जो एजेंसियां अनुबंध की शर्त के मुताबिक युवकों का चयन नहीं कर रही हैं, उनकी सूची शासन को उपलब्ध कराई जाए।
उधर शासन के एक उच्चस्तरीय सूत्र ने बताया कि गोपनीयता तरीकों से किए जा रहे समीक्षा की रिपोर्ट और एजेंसियों की सूची आने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
ऐसी लगभग आधा दर्जन एजेंसियों से प्रशिक्षण का काम छीन हो सकता है।
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