उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में
शिक्षकों के रिक्त पदों में खेल करने वाले जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) पर कार्रवाई होगी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के अध्यक्ष वीरेश कुमार स्नातक (टीजीटी) और (पीजीटी) 2016 के चयनित शिक्षकों के स्कूल आवंटन के बावजूद कार्यभार ग्रहण नहीं कराए जाने के बारे में काफी गंभीर है।
डीआईएसओ एक तरह से समानान्तर चयन बोर्ड चला रहे हैं। जो पद पहले रिक्त थे अब वह अलग-अलग कारणों से भरे बताकर ये अफसर चयन बोर्ड से भेजे गए शिक्षकों को कार्यभार ग्रहण नहीं कराएंगे।
चयन बोर्ड को 2016 की भर्ती के अब तक 125 ऐसे शिक्षकों की जानकारी हो चुकी है, जिन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है।
इनमें से कई स्कूल ऐसे हैं, जहाँ अध्यापक तैनात हैं। कुछ पद पदोन्नति से भर लिए गए हैं तो कुछ अन्य में रिक्ति ही नहीं बची है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में चल रहे अध्यापकों के चर्चित मामले में भी डीआईओएस की मनमानी का खुलासा हुआ था।
कई डीआईओएस ने चयन बोर्ड को रिक्त पदों की सूचना नहीं भेजी थी, जिसके आड़ में रोबोट को तत्काल शिक्षकों की नियुक्ति का नोटिस मिल गया था।
चयन बोर्ड की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में रिक्त पदों के साथ खेल करने वाले डीआईओएस के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन से करने पर भी निर्णय लिया जाएगा।
इस बार अध्यक्ष कड़ा संदेश देना चाहते हैं ताकि भविष्य में डीआईएसओ रुपों के लालच में चयनित शिक्षकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करने पाएं।
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