उत्तर प्रदेश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में डिजिटल
संसाधनों की उपलब्धता में भारी अंतर पर हाईकोर्ट की चिंता ने एक बार फिर इस समस्या की ओर सबका ध्यान खींचा है। लॉकडाउन लगने के बाद से सीबीएसई और सीआईएससीई स्कूलों ने तो पढ़ाई-लिखाई का ऑनलाइन तौरतरीका अपना लिया लेकिन सरकारी स्कूलों में डिजिटल शिक्षा का लाभ बमुश्किल एक तिहाई बच्चों को भी नहीं मिल सका।
हालत यह है कक्षा एक से आठ तक परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के जुलाई में खुलने के बाद जो थोड़ी बहुत पढ़ाई हो रही थी वह भी पटरी से उतर गई।
सरकारी स्कूलों में 25 से 30 प्रतिशत बच्चों को ही वर्तमान में ऑनलाइन पढ़ाई का मिल पा रहा है।
मार्च से लेकर जून अंत तक शिक्षकों ने व्हाटसग्रुपों पर बच्चों को जोड़कर कक्षाएं चलाईं।
हाल परिषदीय स्कूलों का
-जुलाई में स्कूल तो खुले लेकिन बच्चों को बुलाने पर है रोक
-स्कूल खुलने से पहले शिक्षक ऑनलाइन पढ़ा रहे थे
-जबसे स्कूल जाने लगे शिक्षक तब से ऑनलाइन क्लास बंद
No comments:
Post a Comment