सहायता प्राप्त स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा के इस वर्ष होने की संभावना कम हो गई है।
इस परीक्षा का जिम्मा परीक्षा पाठ्यक्रम डेवलपरारी को सौंपा गया था लेकिन अब निर्णय लिया गया है कि इसकी परीक्षा उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग कराएगी।
प्रदेश के लगभग तीन हजार एडेड स्कूलों में 3500 से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त हैं।
पिछले वर्ष ही यह निर्णय लिया गया था कि इस परीक्षा को पीएनपी (परीक्षा नियामक प्राधिकारी) करेगा।
पीएनपी परिषदीय स्कूलों में होने वाली सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा दो बार से करवा रही है।
लिहाजा सहायताप्राप्त स्कूलों के लिए भी भर्ती का जिम्मा पीएनपी को सौंपा गया था, लेकिन परीक्षा के प्रारूप पर स्पष्ट अभिमत न मिलने के कारण पीएनपी ये परीक्षा अभी तक नहीं करवा पाया।
दरअसल, जूनियर हाईस्कूल में विषयवार शिक्षक रखे जाते हैं। वहीं कंबड स्कूल वार में हैं। ऐसे में परीक्षा प्रारूप को लेकर कई ऐसे मुद्दे थे जिन पर शासन का अभिमत मांगा गया था।
लम्बे समय से रोका गया था
एडेड स्कूलों में 2015 से भर्तियों पर रोक लग गई थी। बीच में कुछ समय से भर्तियां खोली गईं लेकिन फिर रोक लगा दी गई।
हालांकि शासन को शिकायतें मिली हैं कि प्रबंधित लोकतंत्र ने मिलीभगत से भर्तियां की हैं।
2015 के बाद नियुक्त शिक्षकों की रिपेार्ट भी अलग से तैयार की जा रही है। अभी तक प्रबंधित लोकतंत्र साक्षात्कार द्वारा 89A के अनुमोदन से नियुक्तियां करते थे, जिससे चयन में जमकर चौंकाने वाली घटनाएं हो रही थीं।
यही कारण है कि बीते वर्ष राज्य सरकार इस भर्ती की कमान खुद संभाल ली और लिखित परीक्षा को चयन का पैमाना बनाया गया लेकिन अभी तक लिखित परीक्षा हो नहीं पाई गई है। ये परीक्षा कक्षा 6 से 8 तक के अध्यापकों के लिए है।
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