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राजधानी के सरकारी स्कूलों की उच्च माध्यमिक कक्षाओं में भी नियुक्त होंगे विशेष शिक्षक

 राजधानी दिल्ली के सरकारी स्कूलों की उच्च माध्यमिक कक्षाओं में


भी अब विशेष शिक्षकों की नियुक्ति होगी। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने पहली बार उच्च माध्यमिक कक्षाओं में भी पीजीटी विशेष शिक्षक की तैनाती करने का फैसला लिया है।

 इस फैसले से उच्च माध्यमिक कक्षाओं में दिव्यांग छात्रों की पढ़ाई आसान हो जाएगी। शिक्षा निदेशालय ने पहली बार पीजीटी विशेष शिक्षकों के पद सृजित कर दिल्ली राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित की है। 

अभी तक निगम समेत दिल्ली के सरकारी स्कूलों में प्राइमरी और टीजीटी स्तर पर ही विशेष शिक्षकों की तैनाती होती है।

 निदेशालय ने पीजीटी स्तर पर विशेष शिक्षकों के 301 पद सृजित किए हैं। साथ ही निदेशालय ने पीजीटी विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियम भी जारी किए हैं। जिसके तहत नए सृजित पद पदोन्नति से भरे जाएंगे। 

इसमें टीजीटी विशेष शिक्षकों को 100 फीसदी नियुक्ति दी जाएगी। अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष निर्धारित की गई है। 


पदोन्नति व आयु सीमा की शर्त पर विचार हो : 

विशेष शिक्षकों के संगठन मिलाप ने निदेशालय के इस फैसले का स्वागत किया है। साथ ही पदोन्नति से पद भरने व अधिकतम आयु सीमा पर दोबारा विचार करने की मांग की है। 

मिलाप के पदाधिकारी शम्मसुद्दीन के मुताबिक, टीजीटी के 1757 पद सृजित हैं, लेकिन तकरीबन 50 फीसदी पद खाली हैं। ऐसे में पदोन्नति से पीजीटी के पदों को भरना न्यायसंगत नहीं है।

 सृजित पदों के 25 फीसदी पदोन्नति जबकि 75 फीसदी नई नियुक्ति से भरी जाएं। वहीं, टीजीटी के लिए ही अधिकतम आयु सीमा 30 वर्ष है, ऐसे में पीजीटी के लिए अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष होनी चाहिए। 


- पहली बार शिक्षा निदेशालय ने पीजीटी विशेष शिक्षक के पद किए सृजित

- 301 पद सृजित, पदोन्नति से भरे जाएंगे

- 30 वर्ष अधिकतम आयु सीमा निर्धारित की गई है

2.5 लाख के करीब बच्चे दिल्ली में दिव्यांगता के शिकार हैं 

03 हजार दिव्यांग छात्र ही दिल्ली के स्कूलों में हैं पंजीकृत 


देर से सृजित हुए पद, खामियाजा दिव्यांग बच्चों को उठाना पड़ा

अखिल भारतीय अभिभावक संघ ने भी पीजीटी स्तर पर विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने के फैसले का स्वागत किया है, लेकिन इसे देरी से लिया गया फैसला बताया। 

संघ के अध्यक्ष अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के मुताबिक, वर्ष 2001 में दिल्ली उच्च न्यायलय ने नए सत्र में स्कूल खुलने पर विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया था। 

जबकि वर्ष 2009 में उच्च न्यायलय ने एक दूसरे मामले में सुनवाई करते हुए प्रत्येक स्कूल में दो विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने का आदेश दिया, लेकिन अमल होते-होते वर्ष 2020 खत्म होने को है। 

उन्होंने बताया, दिल्ली में तकरीबन ढाई लाख बच्चे दिव्यांगता के शिकार हैं, लेकिन स्कूलों में सिर्फ तीन हजार दिव्यांग छात्र ही पंजीकृत हैं। 


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