झारखंड के सरकारी स्कूलों में नए साल में शिक्षकों की नियुक्ति
प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष शिक्षकों के खाली पदों के साथ-साथ नए स्वीकृत होने वाले पदों की संख्या रखी है।
राज्य में प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूल तक शिक्षकों के 39,408 पद रिक्त हैं। पहली से आठवीं क्लास के स्कूल में 22,728 पद खाली हैं।
हाई और प्लस-2 स्कूलों में 16680 पद रिक्त हैं। प्रारंभिक स्कूलों में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक के लिए स्वीकृत पद 53,352 हैं, जबकि वर्तमान में 35,517 शिक्षक ही कार्यरत हैं। इसमें 17,835 पद खाली हैं।
इसके अलावा स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक के 10,783 पद स्वीकृत हैं, इनमें 5889 शिक्षक ही कार्यरत हैं। इन स्कूलों में अभी भी 71,911 पद स्वीकृत करने की आवश्यकता है।
वहीं, अगर शिक्षा के अधिकार के तहत 30 बच्चों पर एक शिक्षक रखा जाए तो इन स्कूलों में 1,36,045 शिक्षक चाहिए।
वहीं हाई स्कूलों में शिक्षकों के 25,169 पदों में से मात्र 11,553 पदों पर शिक्षक नियुक्त हैं, जबकि 13,616 पद अभी भी खाली हैं। यही हाल प्लस-2 स्कूलों का भी है।
शिक्षकों के 5610 स्वीकृत पद में से मात्र 2546 शिक्षक ही कार्यरत हैं, 3064 पद अभी भी खाली हैं।
2015 में शुरू हुई थी नियुक्ति प्रक्रिया
राज्य में प्राथमिक से प्लस टू स्तर के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया 2015 में शुरू हुई थी। प्रारंभिक स्कूलों में 2015 से 2019 के बीच करीब 17 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई।
हाई स्कूलों में आठ हजार और प्लस-2 स्कूलों में 1400 शिक्षक नियुक्त हुए। नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने पर शिक्षकों के खाली पद भरे जा सकेंगे।
एक लाख अभ्यर्थी हैं टेट पास
राज्य में वर्तमान में एक लाख टेट पास अभ्यर्थी हैं। 2013 के टेट पास करीब 48 हजार अभ्यर्थी को नियुक्ति का मौका नहीं मिला है।
वहीं, 2016 में टेट पास 53 हजार अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है।
राज्य सरकार ने पहले टेट सर्टिफिकेट की मान्यता पांच साल से बढ़ाकर सात साल कर दी। इसके बाद फिर दो साल अवधि बढ़ाने जा रही है।
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