प्रयागराज : परिषदीय शिक्षकों को शासन ने दो तरह के तबादले की
सौगात दी थी। पहली रिक्त पद के सापेक्ष व दूसरी पारस्परिक स्थानांतरण।
एक प्रक्रिया पूरी हो गई है, जबकि दूसरी सूची इसी माह आनी है। ऐसे में अब पारस्परिक तबादलों पर भी सेवा अवधि का ग्रहण लगना तय है, क्योंकि दोनों तरह के तबादले एक ही शासनादेश के तहत हो रहे हैं। एक आवेदन निरस्त होने पर दो शिक्षक दौड़ से बाहर होंगे।
दो दिसंबर 2019 को तबादले का शासनादेश जारी होने के बाद शिक्षकों ने पारस्परिक तबादलों को मनचाहे जिले में जाने को गारंटी माना था।
बशर्ते वे जिस जिले में जाना चाहते हों, वहां से भी उसी वर्ग का शिक्षक उनके जिले में आने को तैयार हो। शिक्षकों का कहना था कि रिक्त पद के सापेक्ष में वरिष्ठता आदि तमाम तरह के पेच हैं।
इससे वे अंतिम चरण में भी बाहर हो सकते हैं, लेकिन पारस्परिक तबादले में सिर्फ साथी मिलने पर तबादला पक्का है, लेकिन हाईकोर्ट का आदेश अब इस पर पानी फेर रहा है, क्योंकि पुरुष शिक्षकों को पांच साल व महिला शिक्षिकाओं को दो साल की सेवा अवधि पूरा करना जरूरी होगा।
यदि एक की भी सेवा अवधि कम है तो दोनों को मायूस होना पड़ेगा। यह तबादला सूची भी पहले 22 अक्टूबर को घोषित करने की तैयारी थी, लेकिन कोर्ट के आदेश से समय सारिणी बदली।
विभागीय अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार का कहना है कि इसी माह के अंत तक सूची जारी होगी।
No comments:
Post a Comment