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प्राइमरी स्कूल (कक्षा एक से पांच) तक की कक्षाएं एक मार्च से पुन: होंगी संचालित, इन नियमों का पालन करना होगा अनिवार्य

लखनऊ : कोविड-19 संक्रमण के कारण बीते मार्च से बंद चल रहीं


प्राइमरी स्कूल (कक्षा एक से पांच) तक की कक्षाएं एक मार्च से पुन: संचालित होंगी। 

कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत समस्त संबद्ध माध्यमिक और परिषदीय विद्यालयों में कक्षाएं शुरू होंगी। शासन ने 50-50 फीसद बच्चों को बुलाने के निर्देश दिए हैं।

 पहले दिन प्रत्येक कक्षा के 50 फीसद बच्चे बुलाए जाएंगे। बाकी के 50 फीसद अगले दिन कक्षाएं लेंगे। वहीं, जिन विद्यालयों के जूनियर कक्षाओं में बच्चों की संख्या अधिक है, वहां दो पालियों में कक्षाएं संचालित होंगी। 

डीआइओएस डा. मुकेश कुमार सिंह और बीएसए दिनेश कुमार ने राजधानी के सभी विद्यालयों को बच्चों की संख्या के अनुसार व्यवस्थाएं कराने और कक्षाएं संचालित करने के निर्देश दिए हैं, साथ ही लापरवाही करने पर कार्रवाई की बात भी कही है।


कक्षाएं संचालित करने के लिए जारी किया गया शेड्यूल


सोमवार व गुरुवार को कक्षा एक व पांच की कक्षाएं।

मंगलवार व शुक्रवार को कक्षा दो व चार की कक्षाएं।

बुधवार व शनिवार को कक्षा तीन की कक्षाएं संचालित होंगी।


परिवार में सुख-शांति और एकता से होता है बच्चे का संपूर्ण विकास

परिवार में जब सुख-शांति और एकता होती है तो बच्चों का संपूर्ण विकास होता है।

 बच्चों के विकास की धुरी ही परिवार होता है। या यूं कहें कि बच्चों के सर्वागीण विकास में भी पारिवारिक एकता का महत्वपूर्ण स्थान है। गुरुवार को यह बातें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कही। वह सीएमएस द्वारा आयोजित पारिवारिक एकता सम्मेलन में ऑनलाइन मौजूद रहे। इस अवसर पर डा. जगदीश गांधी ने कहा कि सीएमएस की स्थापना के समय से ही हमारा प्रयास रहा है कि छात्रों को भौतिक शिक्षा के साथ ही साथ सामाजिक, नैतिक व आध्यात्मिक शिक्षा भी मिले।

 अध्यक्ष प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा कि माता-पिता एवं शिक्षकों से जुड़कर ही विश्व परिवार की नींव रखी जा सकती है। राजाजीपुरम द्वितीय कैंपस की प्रिंसिपल पूनम अरोड़ा व अन्य लोग मौजूद रहे।


इनका करना होगा पालन, लापरवाही पर होगी कार्रवाई


बच्चों में छह फीट की दूरी और मास्क जरूरी होगा।

नए दाखिलों के दौरान आहर्ताएं पूरी करने के लिए अभिभावक को ही बुलाया जाए, न कि बच्चों को।

विद्यालयों को आयोजनों से बचना होगा, अगर आवश्यक हो तो शारीरिक दूरी का ध्यान रहे।

खेलकूद और अन्य प्रकार के कार्यक्रम नहीं होंगे।

विद्यालय में शिक्षकों एवं छात्रों की नियमित जांच की व्यवस्था की जाए।

अगर विद्यालय में कोई कोविड-19 का संदिग्ध हो तो उसे तत्काल आइसोलेट कर दिया जाए।

विद्यालय अथवा उसके आसपास स्वास्थ्य कर्मी, नर्स और डाक्टर की व्यवस्था होनी चाहिए।

विद्यालयों में कक्ष, शौचालय, दरवाजे, कुंडी, सीट का निरंतर सैनिटाइजेशन हो।

बच्चों के पीने के लिए साफ पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।

बच्चे पाठ्य पुस्तकें, नोटबुक, पेन और लंच किसी से साझा न करें।

विद्यालय में कक्षों के दरवाजे खुले रखे जाएं। बाहरी वेंडर को विद्यालय के अंदर खाद्य सामग्री बेचने की अनुमति नहीं होगी।

बच्चों के रिक्शे, बसों आदि के प्रापर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होनी चाहिए।

जहां तक संभव हो बस पर चढ़ने से पहले बच्चों की थर्मल स्कैनिंग होनी चाहिए।

विद्यालय में प्रवेश के समय बच्चों की थर्मल स्कैनिंग होनी चाहिए।

छात्र-छात्रओं को विद्यालय बुलाने से पहले उनके अभिभावकों की सहमति आवश्यक है।

बच्चों के घर वाले अगर उन्हें विद्यालय नहीं भेजना चाहते हैं तो उन्हें घर पर ही पढ़ने की अनुमति दी जाए।


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