UP के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 दिवसीय प्रेरणा ज्ञानोत्सव' आयोजित किये जाने के संबंध में आदेश जारी, देखें डिटेल्स - updatesbit

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UP के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 दिवसीय प्रेरणा ज्ञानोत्सव' आयोजित किये जाने के संबंध में आदेश जारी, देखें डिटेल्स

 प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रेरणा ज्ञानोत्सव' आयोजित किये जाने के संबंध में आदेश-


बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा आधारभूत लर्निंग कौशल पर विशेष ध्यान केन्द्रित करने हेतु "मिशन प्रेरणा" का फ्लैगशिप कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है । मिशन का उद्देश्य है कि कक्षा 1 से 5 तक के सभी छात्र छात्राएं मार्च, 2022 तक आधारभूत लर्निंग के लक्ष्य प्राप्त कर लें। तत्कम में बेसिक शिक्षा के प्रभावी कियान्वयन हेतु शासनादेश संख्या-114/ 68-5-2020, दिनॉक 28 फरवरी, 2020 निर्गत किया गया है जिसमें कक्षा 1-5 के बच्चों में गणित एवं भाषा में अपेक्षित अधिगम सुनिश्चित करने के लिये मिशन प्रेरणा हेतु फाउण्डेशनल लर्निंग गोल्स निर्धारित किये गये हैं।

उल्लेखनीय है कि सम्प्रति विभाग द्वारा प्रेरक प्रदेश बनाने के लिये कार्यवाही गतिमान है, परन्तु कोविड महामारी के दौरान बच्चों के लिये विद्यालय लंबे समय से बंद होने के कारण उनकी दक्षताओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। 

अतः बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने एवं उनकी दक्षताओं को बढाने के लिये विशेष प्रयास किये जाने के दृष्टिगत 100 दिन का विशेष अभियान प्रेरणा ज्ञानोत्सव आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। 

इस अभियान के अंतर्गत बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए निम्नांकित गतिविधियां संचालित की जायेगी:


विद्यालयों का पुनः संचालन :-

मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का पालन करते हुये शासन के निर्देशानुसार विद्यालयों का पुनः संचालन किया जाये।

ई-पाठशाला का संचालन:

कोवि-19 वैश्विक महामारी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 रो 8 तक शिक्षा पा रहे 13-माओं की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े, इसके लिये येसिक शिक्षा विभाग द्वारा "मिशन प्रेरणा की ई पाठशाला के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियों का संचालन यथावत जारी रहेगा

. ई-पाठशाला के संचालन में प्रत्येक कक्षा और विषय के लिए मासिक पंचांग के अनुसार कक्षावार एवं विषयवार शैक्षणिक सामग्री सप्ताह के प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से शिक्षकों को साझा की जाएगी। 

राज्य स्तर से प्रेषित शैक्षणिक सामग्री के अतिरिक्त शिक्षक द्वारा भी मासिक पंचांग के अनुसार शैक्षणिक सामग्री बच्चों को उपलब्ध करायी जायेगी। साझा की गयी सामग्री द्वारा बच्चों को अभ्यास एवं हल करने के लिए निरन्तर प्रोत्साहित किया जाये।

विभाग द्वारा निःशुल्क पाठ्य पुस्तक एवं कार्यपुस्तिकायें बच्चों को उपलब्ध करायी जा चुकी है। उक्त पाठ्य पुस्तकों पर आधारित राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा विकसित वीडियो का प्रसारण दूरदर्शन के माध्यम से किया जा रहा है । कक्षावार प्रसारण देखने लिये बच्चों/अभिभावकों को निरन्तर प्रेरित किया जाये।

• विभाग द्वारा बच्चों के स्वयं सीखने एवं अभिभावकों को प्रेरित करने के लिए शिक्षकों के माध्यम से आवश्यक शैक्षणिक सामग्री यथा-गतिविधि आधारित टी.एल.एम. तथा पाठ से सम्बंधित शैक्षणिक वीडियो पूर्ववत् साझा किया जायेगा।

शिक्षक और अभिभावक के बीच संवाद स्थापित किया जाये तथा बच्चों के अभ्यास कार्य को व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त कर अभिभावकों को बच्चों की प्रगति से अवगत कराते हुए फीड बैक प्रदान किया जाये।

• अध्यापकों द्वारा अभिभावकों से विद्यालय के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने दूरदर्शन से प्रसारित शैक्षणिक कार्यक्रमों को देखने तथा दीक्षा एप डाउनलोड कर बच्चों को पढ़ने हेतु प्रेरित करने के लिये अनुरोध किया जाये तथा दीक्षा एप पर उपलब्ध 4000 आडियो-विजुअल शिक्षण सामग्री के संबंध में पाठ्य पुस्तक में दिये गये क्यू0आर0 कोड को स्कैन करके अध्ययन करने हेतु अवगत कराया जाये

(3) "प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन" का आयोजन:

I. 'समृद्ध' हस्तपुस्तिका ( Remedial Teaching Plan) द्वारा कक्षा संचालन: - विद्यालय खुलने के बाद प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों में अपेक्षित अधिगम स्तर को प्राप्त करने के लिये राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा विकसित विशेष मॉड्यूल "समृद्ध" हस्तपुस्तिका ( Remedial Teaching Plan) पर आधारित रिमिडियल टीचिंग संचालित की जायेगी, जिससे कि बच्चा द्वारा प्रेरणा सूची में निर्धारित दक्षतायें प्राप्त की जा सकें। "समृद्ध" हस्तपुस्तिका का प्रयोग करते समय शिक्षकों द्वारा निम्नांकित बिन्दुओं का अनुपालन सुनिश्चित किया जाये :-

• विद्यालय खुलने के उपरान्त "समृद्ध" हस्तपुस्तिका पर आधारित रिमिडियल शिक्षण करने के पूर्व हस्तपुस्तिका में दिये गये दिशानिर्देश के कम में समस्त बच्चों का भाषा एवं गणित का प्रारम्भिक आकलन (Formative Assessment) सुनिश्चित किया जायेगा। जिसे प्रेरणा तालिका में अंकित किया जायेगा प्रेरणा तालिका का समय-समय पर ए0आर0पी0 एवं एस0आर०जी० द्वारा प्रमाणीकरण भी किया जायेगा।

समृद्ध हस्तपुस्तिका में कक्षाओं को स्तरानुसार 03 समूहों में विभाजित किया गया है।

उक्त हस्तपुस्तिकायें राज्य स्तर से मुद्रण के उपरान्त समस्त जनपदों को अतिशीघ्र उपलब्ध करायी जायेगी।

बच्चों को अभ्यास का अवसर देने के लिये कक्षा-2 व 3 हेतु भाषा विषय की अभ्यास पुस्तिका विकसित की गयी है, जिसे राज्य स्तर से मुद्रण के उपरान्त समस्त जनपदों को अतिशीघ्र प्रेषित की जायेंगी।

• प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के क्षमता संवर्द्धन के दृष्टिगत "समृद्ध" हस्तपुस्तिका पर आधारित प्रशिक्षण भी किया जायेगा।

II. अंतिम आकलन (Endline Assessment) "समृद्ध" हस्तपुस्तिका पर आधारित रिमिडियल शिक्षण करने के 100 दिन बाद समस्त बच्चों का अंतिम आकलन (Endlinc Assessment) SAT-3 परीक्षा के आधार पर किया जायेगा तथा विद्यालय द्वारा प्रत्येक बच्चे का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जायेगा एवं अभिभावकों की उपस्थिति में उक्त रिपोर्ट कार्ड बच्चों में वितरित किया जायेगा। परीक्षा के संबंध में विस्तृत निर्देश पृथक से राज्य परियोजना कार्यालय से निर्गत किये जायेंगे।

III. गतिविधियाँ :-कोविड प्रोटोकाल के संबंध में उत्पन्न जिज्ञासाओं को दूर करने तथा मिशन प्रेरणा के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये अभियान मोड में कार्य किये जाने की आवश्यकता है। तत्कम में "प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन" के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियां आयोजित की जायेंगी

समस्त विद्यालयों में प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन' के अंतर्गत 100 दिन का विशेष अभियान (Campaign) संचालित किया जायेगा। यह अभियान विद्यालय खुलने के प्रथम दिवस से प्रारम्भ किया जायेगा तथा 100 दिन तक निरन्तर चलेगा ।

अभियान को प्रारंभ करने के पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों की बैठक की जायेगी एवं शिक्षा चौपाल के आयोजन हेतु विस्तृत चर्चा कर कार्ययोजना बनायी जायेगी। उक्त कार्यक्रम में एआर0पी0, एसआर०जी० शिक्षक संकुल की विशेष भूमिका रहेगी।

विद्यालय खुलने के बाद प्रधानाध्यापक द्वारा नव गठित विद्यालय प्रबन्ध समिति (एस0एम0सी0) के सदस्यों की बैठक बुलायी जायेगी। एस०एम0सी0 की बैठक में विद्यालय संचालन के संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनायी जायेगी तथा शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जायेगा। 

• विद्यालय द्वारा प्रत्येक गांव/मोहल्ला में शिक्षा चौपाल का आयोजन किया जायेगा जिसमें एस0एम0सी0 के समस्त सदस्य, अभिभावक एवं समुदाय के लोग कमवार प्रतिभाग करेंगे। 

प्रेरणा ज्ञानोत्सव के आयोजन हेतु जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय टास्क फोर्स एवं उपजिलाधिकारी की अध्यक्षता में विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स की बैठक आहूत की जायेगी। बैठक में टास्क फोर्स के सदस्यों / अधिकारियों को शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग करने हेतु निर्देशित किया जायेगा।

जनपद/विकास खण्ड स्तरीय टास्क फोर्स के अधिकारियों, प्राचार्य, डायट एवं मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा इस कैम्पेन के दौरान कम से कम 05-05 गाँवों में आयोजित शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग किया जायेगा। 

प्रेरणा ज्ञानोत्सव के सफल कियान्वयन हेतु प्राचार्य, डायट की अध्यक्षता में एस0आर0जी0, ए०आर०पी० एवं डायट मेण्टर्स की पाक्षिक बैठकें आहूत की जायेंगी तथा सर्वसंबंधित द्वारा प्रत्येक माह कम से कम 10-10 गाँवों में आयोजित शिक्षा चौपाल में प्रतिभाग किया जायेगा।

• "प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन" के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जायेगा। उक्त कार्यक्रम के संचालन में मीडिया एवं जन प्रतिनिधियों को भी जोड़कर उनसे इस अभियान में सहयोग प्राप्त किया जाये।

अभिभावकों को जोड़ने के लिये शिक्षकों द्वारा गृह भ्रमण कर इस अभियान एवं कक्षा रूपान्तरण के बारे में अवगत कराया जायेगा जिससे कि "प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन" को एक जन आन्दोलन का रूप दिया जा सके।

IV. शिक्षा चौपाल में चर्चा के बिन्दुः

• कोविड प्रोटोकाल के संबंध में बच्चों एवं अभिभावकों की जिज्ञासाओं का समाधान करना एवं जागरूक करना।

• अभिभावकों को बच्चों के साथ समय बिताने, शैक्षणिक गृह कार्य पूर्ण कराने एवं बच्चों को लिखित कार्य के माध्यम से अभ्यास कराने पर चर्चा करना।

• दीक्षा ऐप डाउनलोड करने एवं पाठ्यपुस्तकों में दिये गये क्यू0आर0 कोड को मोबाइल से स्कैन करके बच्चों को पढ़ने के लिये प्रेरित करना।

• यदि बच्चा किसी अधिगम स्तर को नहीं प्राप्त कर सका है तो शिक्षकों से सम्पर्क करके उस अधिगम स्तर को प्राप्त करने के लिये बच्चों को प्रेरित करना।

• शिक्षा चौपाल में मुख्य विकास अधिकारी की गरिमामयी उपस्थिति में एआर0पी0/ एस0आर0जी0 द्वारा आधारशिला कियान्वयन संदर्शिका पर Demo Class का प्रदर्शन किया जायेगा जिससे कि शिक्षकों एवं अभिभावकों को अभिप्रेरित किया जा सके ।

• प्रत्येक शिक्षा चौपाल में ए0आर0पी0 अथवा शिक्षक संकुल की प्रतिभागिता अनिवार्य होगी।

 • कक्षा-कक्ष में सुधार (Classroom Transformation) हेतु विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा अभिभावकों को छोटे-छोटे समूहों में बुलाकर अथवा गृह भ्रमण कर निम्नांकित बिन्दुओं पर चर्चा की जाये:

1. प्रेरणा लक्ष्यः- अभिभावकों, जन-समुदाय एवं शिक्षकों को प्रेरणा लक्ष्य के संबंध में सभी को जागरूक किया जाये। मिशन प्रेरणा के अन्तर्गत प्रदेश को प्रेरक प्रदेश के रूप में विकसित किये जाने के लिये शिक्षकों एवं सभी हितधारकों को शपथ दिलायी जाये । तत्संबंधी शपथ का प्रारूप संलग्न है।

 2. प्रेरणा सूची एवं प्रेरणा तालिका :-बच्चों की रियल टाइम मॉनीटरिंग के लिये विद्यालयों में चस्पा करायी गयी प्रेरणा सूची एवं प्रेरणा तालिका का अवलोकन कराते हुए उनके बारे में अभिभावकों को विस्तृत जानकारी दी जाये।

 3. मॉडयूल्स पर चर्चा:- विशेषज्ञों द्वारा बुनियादी शिक्षा हेतु विकसित आधारशिला मॉडयूल. रिमीडियल टीचिंग हेतु ध्यानाकर्षण मॉडयूल एवं शिक्षकों के उपयोगार्थ शिक्षण संग्रह को क्लासरूम प्रैक्टिसेस में लागू किये जाने के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराया जाये।

4. सहज पुस्तिका:- सीखने के स्तर के आधार पर प्रत्येक बच्चे के लिये उपलब्ध करायी गयी कहानियों एवं कविताओं को समाहित करने वाली 'सहज' पुस्तिका के बारे में अवगत कराया जाये।

 5. संदर्शिका :- 'आधारशिला' मॉड्यूल के कक्षा कक्ष में प्रभावी शिक्षण हेतु विकसित की गयी क्रियान्वयन संदर्शिकाओं में वर्णित समय-सारिणी, गतिविधियों आदि के माध्यम से संरचित शिक्षण (Structured Teaching Plans) विधियों के बारे में चर्चा की जाये। 

6. गणित किट:- गणित विषय के लर्निंग गोल्स प्रप्त किये जाने के दृष्टिगत विद्यालयों को उपलब्ध कराये गये गणित किट का प्रदर्शन भी अभिभावकों के सम्मुख किया जाये।

7. शिक्षक डायरी:- प्रभावी कक्षा-शिक्षण एवं पाठ्य योजना की तैयारी के लिये सभी शिक्षकों को उपलब्ध करायी गयी व्यक्तिगत शिक्षक डायरी के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराया जाये।

8. प्रिन्टरिच मैटिरियल:- शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को रोचक एवं बाल-केन्द्रित बनाने में प्रिंट-रिच कक्षा-कक्ष अत्यन्त मददगार होते हैं। साथ ही शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में इनका उपयोग करके शिक्षक पूरी प्रकिया को बाल अधिगम केन्द्रित बना सकते हैं। 

9. तत्कम में विभाग द्वारा कक्षा-कक्षों के लिये आकर्षक पोस्टर्स, वार्तालाप चार्ट (Conversation Charts), टी०एल०एम० आदि शैक्षणिक सामग्री विकसित करके विद्यालयों को उपलब्ध करायी गयी है, जिससे कि बच्चे चर्चा-परिचर्चा करते हुए भाषा ज्ञान एवं मौखिक भाषा विकास का सहज ज्ञान प्राप्त कर सकें। 

11. पुस्तकालयः-गालयों में रात िसे आगे रामनः एवं निमगतार किमाशील पुस्तकालय का अभियानकाको लोकना पर्श कराया जाये गायों को गिरनार पाने के लिये पेरित किया जागे।

 12. सैट2 परीक्षा के लिये वितरित किये गये  रिपोर्ट कार्ड के बारे में अभिभावकों कों को जानकारी दी जागे ।

13. बाल संसदः-गिगातकों को बाल संसद के गलन की गोगि। के बारे में अवगत कराया जाये तथा अभिभावकों को रामा नाल संरद Hारा िसे जा रहे कार्यो का प्रदर्शन किया जाये।

 14. विद्यालय प्रबन्ध समिति:- बिलालय पवना सगी एवं अभिभावकों के साथ रागन्नग

स्थापित करते हुए लालगी गलियों में उनकी प्रतिभागिता सुनिश्चित कराने हेतु अनुरोध किया जाये।

15. शैक्षणिक अवधि का पुनर्निर्धारणः-विस्तृत टाइग एण्ड गोशन स्टडी के आधार पर शिक्षण दिवसों एवं पण्टों (अग) में बोतारी की गयी है राथ ही विद्यालय रतरीय पंजिकाओं को युक्तिसंगत बनाये जाने एवं गीग/शीतकाल की समय-सारिणी, विद्यालय अवधि, प्रार्थना सगा आदि के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराया जाये।

 16. दीक्षा एवं रीड एलांग ऐप:-अभिभावकों को दीक्षा एवं रीड एलांग ऐप डाउनलोड कर बच्चों को पढ़ने हेतु प्रेरित करने के लिये अनुरोध किया जाये।

 17. व्हाट्स-ऐप क्लासेज:- राज्य स्तर से रांचालित व्हाट्रा-ऐप गुप के गाध्यग से अभिभावकों को नियमित प्रेषित की जाने वाली शैक्षणिक सामग्री के उपयोग के संबंध में अभिभावकों से अनुरोध किया जाये।


18. दूरदर्शन पर शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण:- शैक्षणिक गतिविधियों के सुचारू संचालन के दृष्टिगत दूरदर्शन के माध्यम से बच्चों के लिए कक्षावार 30 मिनट प्रति कक्षा, प्रतिदिन पूर्वान्ह 9:00 बजे से अपरान्ह 100 बजे तक (04 घण्टे) प्रसारित किये जा रहे शैक्षणिक कार्यक्रमों को बच्चों को दिखाने के लिये अगिभावकों को प्रेरित किया जाये।

19. शिक्षक संकुलः-विद्यालयों को शैक्षिक व सह-शैक्षिक गतिविधियों जैसे-लर्निग आउटकम आधारित आकलन, सूचनाओं/ रुझानों के आदान-प्रदान, संकुल के विद्यालयों की अकादमिक बैठकें, संकुल के विद्यालयों को 'आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने एवं अन्य कार्यों के लिये शिक्षक संकुल के गठन के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराया जाये।

20. सहयोगात्मक पर्यवेक्षण:- विद्यालयों को ऑनसाइट शैक्षिक एवं अकादमिक सहयोग देने हेतु प्रति विकासखण्ड 5 एकेडमिक रिसोर्रा पररान तथा प्रति जनपद 3 स्टेट रिसोर्स ग्रुप की व्यवस्था के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराया जाये।

 21. प्रि-प्राइमरी शिक्षा :- वेरिक शिक्षा एवं आई0सी0डी0एस0 के साथ समन्वय स्थापित कर प्रि-प्राइमरी के बच्चों की उच्च प्राथमिक स्तर तक की शिक्षा के सार्वभौमिकरण हेतु कार्ययोजना बनायी गयी है। प्रि-प्राइमरी के पाठ्यकग का निर्गाण किया जा चुका है तथा इसके आधार पर बच्चों के लिये 'एक्टिविटी बुक' तैयार की गयी है, जिसके बारे में अभिभावकों को अवगत कराया जाये।


22. एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रमः- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 रो चरणबद्ध रूप में एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया गया है। तत्कम में. सहयोगात्मक पर्यवेक्षण:- विद्यालयों को ऑनसाइट शैक्षिक एवं अकादमिक सहयोग देने हेतु प्रति विकासखण्ड 5 एकेडमिक रिसोर्रा पररान तथा प्रति जनपद 3 स्टेट रिसोर्स ग्रुप की व्यवस्था के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराया जाये। 

21. प्रि-प्राइमरी शिक्षा :- वेरिक शिक्षा एवं आई0सी0डी0एस0 के साथ समन्वय स्थापित कर प्रि-प्राइमरी के बच्चों की उच्च प्राथमिक स्तर तक की शिक्षा के सार्वभौमिकरण हेतु कार्ययोजना बनायी गयी है। प्रि-प्राइमरी के पाठ्यकग का निर्गाण किया जा चुका है तथा इसके आधार पर बच्चों के लिये 'एक्टिविटी बुक' तैयार की गयी है, जिसके बारे में अभिभावकों को अवगत कराया जाये।

22. एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रमः- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2021-22 रो चरणबद्ध रूप में एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम लागू करने का निर्णय लिया गया है। तत्कम में गर्ष 2021-22 में NRN-1 में एन०री०ई०3Iगर०टी०o पाठ्यकम लागू किये जाने के संबंध में अभिभावकों को अवगत कराया जाये। 

23. 'शारदा' प्रणाली:- विशालय से बाहर के बच्चों के चिन्हीकरण, पंजीकरण एवं नामांकन हेतु कार्यक्रम 'शारदा' (AIIARDA स्कूल हर दिन आये) के संबंध में अभिभावकों को जागरूक किया जाये। 

24. समावेशी शिक्षा-विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांग) की शिक्षा स्पेशल एजूकेटर्स के माध्यम से करायी जा रही है। ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से दिव्यांग बों के चिन्हीकरण, ट्रैकिंग तथा मुख्यधारा से जोड़ने हेतु 'समर्थ कार्यकम के संबंध में अभिभावकों को जागरूक किया जाये।

25. स्मार्ट क्लास का संचालन:- सम्प्रति राज्य के लगभग 5000 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट गलासेज की स्थापना की जा चुकी है। समुदाय के सहयोग से स्मार्ट टी०वी०, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर आदि का दान प्राप्त कर परिषदीय विद्यालय की कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में रूपान्तरित करने एवं डिजिटल शिक्षण प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने के लिये समुदाय, एन0जी0ओ0, निजी कंपनियों से सहयोग प्राप्त करने के लिये सर्वसंबंधित से अनुरोध किया जाये।

उपर्युक्त गतिविधियों एवं परिवर्तित कक्षा कक्ष के स्वरूप से अभिभावकों को अवगत कराया जाये तथा बच्चों के गृह कार्य एवं शैक्षणिक कार्यों में प्रतिभागी बनाने के लिये उन्हें निरन्तर प्रेरित किया जाये। "प्रेरणा ज्ञानोत्सव कैम्पेन" को सफल एवं जन आंदोलन बनाने के लिये जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी एवं ए0आर0पी0/एस0आर0जी0 द्वारा विशेष प्रयास सुनिश्चित किये जाये।











 




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