69 हजार शिक्षक भर्ती में 20 मई 2020 के बाद जारी जाति और
निवास प्रमाण पत्र का उपयेाग करने वाले अभ्यर्थियों का चयन निरस्त किया जाएगा।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।
इस भर्ती में लगभग 1000 ऐसे अभ्यर्थी थे, जिनका चयन सूची में नाम था लेकिन उनके आवेदन पत्र या मूल प्रमाण पत्रों में विसंगतियां थीं।
ऐसे अभ्यर्थियों पर न्याय और कार्मिक विभाग की राय के बाद अलग से निर्णय लिया गया है।
इस संबंध में स्पष्टीकरण जारी किया गया है। यह भर्ती 2019 से चल रही है और इसमें चयन सूची जून 2020 में जारी की गई थीं।
इसमें कई ऐसे अभ्यर्थी थे जिन्होंने 20 मई के बाद का जाति और निवास प्रमाण पत्र लगाया था। 20 मई के बाद का प्रमाणपत्र लगाने वाले अभ्यर्थी अब चयन सूची से बाहर होंगे।
शिक्षामित्रों को मिल सकती है राहत
ऐसे शिक्षामित्र जिन्होंने अधिकतम 25 भारांक भरा था, लेकिन उनकी सेवा 10 साल से कम थीं, उनके भारांक की गणना वास्तविक सेवा वर्षों के आधार पर होगी।
यदि इसके बाद उनका गुणांक संबंधित जिले की उनकी श्रेणी में अंतिम चयनित अभ्यर्थी के कट ऑफ से ज्यादा है तो उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
यदि चयनित अभ्यर्थी से गुणांक कम हैं और राज्य स्तर पर किसी भी जिले के अंतिम चयनित अभ्यर्थी से ज्यादा हैं तो उनके लिए दोबारा प्रस्ताव शासन को भेजा जाए। गुणांक कम होने पर अभ्यर्थन निरस्त कर दिया जाएगा।
ऐसे 138 शिक्षामित्र जिन्हें भारांक नहीं दिया गया, उनके भारांक को शैक्षिक गुणांक में जोड़ते हुए उपरोक्त कार्रवाई ही की जाएगी।
चयनित होने की दशा में स्कूल आवंटन के लिए महानिदेशक को प्रस्ताव दिया जाएगा।
यदि खुद भरे ज्यादा अंक तो निरस्त होगा अभ्यर्थन
यदि अभ्यर्थी ने त्रुटिवश या खुद ही ज्यादा अंक भर दिए थे लेकिन मूल अंकपत्र में अंक कम हैं तो उनका अभ्यर्थन निरस्त होगा।
यदि विश्वविद्यालय या संस्था ने स्क्रूटनी या बैक पेपर के आधार पर ये अंकों में परिवर्तन किया है और उसका प्रमाणपत्र आवेदन के बाद जारी किया गया है तो यह मान्य होगा।
ऐसे अभ्यर्थी को संबंधित जिले के अंतिम चयनित अभ्यर्थी से ज्यादा गुणांक होने की दशा में वहीं नियुक्ति दी जाएगी।
No comments:
Post a Comment