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UP. SCHOOL EDUCATION : स्कूल प्रबंधकों के आगे झुके अधिकारी, शिक्षकों को बुलाने का दिया आदेश

 लखनऊ :शिक्षकों व स्टाफ को स्कूल बुलाने की अनुमति देने के बाद


एक बार फिर प्राइवेट स्कूलों में संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है। इसके साथ इसे रोकने के प्रयासों पर पलीता लगाया जा रहा है।

 प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक घरों से ऑनलाइन कक्षाएं चला सकते हैं। बच्चों को पढ़ा भी सकते हैं। इस विकल्प से जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय ने किनारा कस लिया है।

राजधानी के सिटी मांटेसरी सहित तमाम बड़े स्कूल डीएम तथा शासन के आदेश को नहीं मान रहे थे। लगातार बच्चों तथा उनके अभिभावकों को भी विद्यालय बुला रहे थे। बच्चों के एडमिशन कर रहे थे। शनिवार को भी सिटी मांटेसरी स्कूल में बच्चों को दाखिले के लिए बुलाया गया था।

 यह स्थिति तब थी जब प्रशासन ने स्कूलों को बच्चों शिक्षकों के लिए पूरी तरह बंद कर रखा था।शनिवार की देर रात डीएम के आदेश पर डीआईओएस ने सभी स्कूलों को ऑनलाइन पढ़ाई के लिए शिक्षकों को बुलाने की अनुमति दे दी। 

सूत्रों का कहना है प्राइवेट स्कूलों का दबाव शिक्षा विभाग के अफसरों को मानना पड़ा। जिसके बाद उन्हें छूट देनी पड़ी। 

ऐसे में अंदेशा है कि दाखिले के लिए न सिर्फ बच्चों को बुलाएंगे बल्कि उनके अभिभावकों को कभी फीस के नाम पर तो कभी दाखिले के नाम पर बुलाया जाएगा।


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स्कूलों में आते हैं कई शिक्षक, घरों से भी करा सकते हैं ऑनलाइन पढ़ाई


राजधानी के कुछ बड़े स्कूलों में सैकड़ों की संख्या में शिक्षक हैं। स्कूल खुलने से यह शिक्षक रोजाना आएंगे। इससे इनके संक्रमण का तो खतरा रहेगा ही साथ ही इनके परिजनों को भी खतरा रहेगा। जबकि यह शिक्षक आसानी से अपने घरों से आनलाइन बच्चों को पढ़ाई करा सकते हैं।

 पूर्व में घरों से तमाम शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाई भी करा रहे थे। अभी भी राजधानी के तमाम स्कूल ऐसा कर भी रहे हैं। इसके बावजूद डीआईओएस की ओर से स्कूलों को मनमर्जी करने की छूट देने की बात किसी की समझ में नहीं आ रही है।


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यह बहुत गलत फैसला है। प्रशासन व डीआईओएस को कम से कम 15- 20 दिनों के लिए स्कूलों को पूरी तरह बंद कर देना चाहिए। शिक्षकों, बच्चों तथा उनके अभिभावकों सभी का प्रवेश रोक देना चाहिए। जिस तेजी से संक्रमण बढ़ा है इससे कोई बच नहीं पाएगा। यह घोर लापरवाही है।

 स्कूलों प्रबंधकों के दबाव में आने की बजाय जो स्कूल छोटे-छोटे बच्चों को दाखिले के लिए बुला रहे हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।


दिनेश कुमार पांडेय, एलडीए कॉलोनी कानपुर रोड


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स्कूलों पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। शिक्षक अपने घरों से ऑनलाइन पढ़ाई करा सकते हैं फिर स्कूल बुलाने का कोई औचित्य समझ में नहीं आया। यह केवल प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों के दबाव में लिया गया फैसला है।


राम जनम, निवासी इंदिरा नगर


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इसमें किसी का कोई दबाव नहीं है। डीएम के निर्देश पर प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों व स्टाफ को बुलाने की अनुमति देने का आदेश जारी किया गया। स्कूलों को कोविड प्रोटोकाल का कड़ाई से पालन करना होगा। एसओपी के हिसाब से काम करना ही होगा।


मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस

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