7th Pay Commission: केंद्रीय कर्मचारियों और
पेंशनधारकों को जुलाई महीने से मिलने वाली सैलरी या पेंशन बढ़ने जा रही है।
01 जुलाई से महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाएगा। DA में इजाफा होने के बाद इन कर्मचारियों का TA, HRA बढ़ने के अलावा EPF और ग्रैच्युटी में भी इजाफा हो जाएगा।
सातवें वेतन आयोग के तहत सैलरी या पेंशन पाने वाले मौजूदा व पूर्व केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी है। आने वाले 1 जुलाई से इन कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (Dearness Allowances) मिलने वाला है।
वर्तमान में इन कर्मचारियों को 17 फीसदी महंगाई भत्ता (DA) मिलता है। पिछले साल ही केंद्रीय कैबिनेट ने इसमें 4 फीसदी का इजाफा करने का फैसला किया था।
4 फीसदी की इस अतिरिक्त बढ़ोतरी का लाभ 1 जनवरी 2021 से ही मिलना था, लेकिन वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने कोविड-19 महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे फ्रीज कर दिया था।
महंगाई भत्ते को जुलाई 2021 तक के लिए फ्रीज किए जाने के बाद करीब 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी (Central Employees) और 61 लाख पेंशनर्स (Pensioners) को झटका लगा था।
कोरोना वायरस महामारी की वजह से ही इन कर्मचारियों को महंगाई भत्ते और राहत (DR) के तीन इंस्टॉलमेंट्स को तीन बार रोका जा चुका है।
इन कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020, 1 जुलाई 2020 और 1 जुलाई 2021 को मिलने वाले महंगाई भत्ता नहीं मिला है।
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि इन कर्मचारियों के लिए बकाया किस्तों को 01 जुलाई 2021 से नई दरों के साथ शामिल करते हुए भुगतान कर दिया जाएगा।
क्यों मिलता है महंगाई भत्ता और कैसे तय होता है?
बता दें कि बढ़ती महंगाई (Inflation) से निपटने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को महंगाई भत्ता दिया जाता है।
एक साल में यह दो बार यानि जनवरी से जून तक और फिर जुलाई से दिसंबर तक के लिए होता है। महंगाई भत्ता तय करने के लिए केंद्र सरकार औसत महंगाई दर 6 फीसदी रहने का अनुमान लगाती है।
AICPI के मुताबिक, जुलाई-दिसंबर 2020 के बीच औसत महंगाई दर 3.5 फीसदी रही है। जनवरी-जून 2021 के बीच के लिए महंगाई भत्ता कम से कम 4 फीसदी ही होगा।
जब किसी कर्मचारी का महंगाई भत्ता बढ़ता है तो इसी हिसाब से उनका ट्रैवल अलाउंस में भी इजाफा होता है। इसी के आधार पर घर किराया और मेडिकल खर्च भी तय होता है।
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा था?
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक मेमो में कहा था, ‘कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हुई मौजूदा स्थिति में यह फैसला लिया गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 01 जनवरी 2020 के बाद से बकाया महंगाई राहत का भुगतान नहीं किया जाएगा।
1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के लिए तय किए गए अतिरिक्त DA और DR का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।’ हालांकि, इन कर्मचारियों को मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ते का भुगतान होता रहेगा।
जुलाई में इन बकाया किस्तों के भुगतान के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इनके महंगाई भत्ते में करीब 11 फीसदी का इजाफा हो सकता है।
वर्तमान में महंगाई भत्ते की तय दर 17 फीसदी है और जनवरी-जून 2020 की 4 फीसदी, जुलाई-दिसंबर 2020 की 3 फीसदी और जनवरी-जून 2021 की 4 फीसदी को मिलाने के बाद यह 28 फीसदी तक पहुंच जाएगा।
कम से कम कितनी सैलरी बढ़ने की उम्मीद?
एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के मौजूदा पेमेंट मैट्रिक्स में 15 फीसदी का महंगाई भत्ता लगाया जाना है।
केंद्रीय कर्मचारियों की मौजूदा न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये है। इसके हिसाब से कर्मचारियों की प्रतिमाह सैलरी में न्यूनतम 2,700 रुपये जुड़ जाएगा। सालाना तौर पर उन्हें कुल 32,400 रुपये का फायदा होगा।
ईपीएफ और ग्रैच्युटी में भी होगा इजाफा
सातवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी तय करने के लिए फिटमेंट फैक्टर को भी ध्यान में रखा जाता है। वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है।
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी महंगाई भत्ते, ट्रैवल अलाउंस और घर किराया के अलावा फिटमेंट फैक्टर पर भी निर्भर करती है।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी केंद्रीय कर्मचारी की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये है।
ऐसे में बिना अलाउंस की उनकी सैलरी 18,000 X 2.57 = 46,260 रुपये होगी। कर्मचारियों के ईपीएफ और ग्रैच्युटी में भी इजाफा होगा।
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