उत्तर प्रदेश में पहली बार टीजीटी-पीजीटी परीक्षा एक साथ राज्य
के सभी 75 जिलों कराई जाएगी। इससे पहले इन परीक्षाओं के लिए सिर्फ मंडल मुख्यालयों पर परीक्षा केंद्र बनाए जाते थे।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चेयरमैन और रिटायर आईएएस वीरेश कुमार ने बुधवार को सर्किट हाउस में यह जानकारी दी।
वाराणसी आए चेयरमैन ने दिन में यूपी कॉलेज समेत कई परीक्षा केंद्रों का दौरा किया और वहां की तैयारियां परखीं।
चेयरमैन वीरेश कुमार ने बताया कि नकल रोकने के लिए विभाग के साथ सरकारी तंत्र की भी मदद ली जा रही है।
परीक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा युक्त केंद्रों का चुनाव किया गया है। सॉल्वर गैंग की धरपकड़ की जिम्मेदारी एसटीएफ को दी गई है।
नकल रोकने के लिए अन्य एजेंसियों को भी जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अभ्यर्थियों से किसी प्रकार के झांसे में न आने की अपील की।
यह भी बताया कि नकल करते या सॉल्वर गैंग की मदद लेते पकड़े जाने वालों को भविष्य में शिक्षा विभाग की सभी परीक्षाओं से डिबार करने के साथ ही अन्य विभागों को भी इसकी सूचना भेजी जाएगी।
ऐसे में नकल या अन्य अनुचित साधनों का प्रयोग करने वालों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।
कोविड प्रोटोकॉल के बारे में उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से सभी अधिकारियों और केंद्राध्यक्षों के लिए एक बुकलेट छपवाई गई है।
इसमें कोविड प्रोटोकॉल और सावधानियों से संबंधित सभी जानकारियां दर्ज हैं। परीक्षा केंद्रों की संख्या और जिले बढ़ाने के पीछे मकसद भी कोविड मानकों का पालन ही है।
7-8 को टीजीटी, 17-18 को पीजीटी की परीक्षा
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के चेययमैन ने बताया कि टीजीटी के 12,603 पदों के लिए 7,10,854 लाख अभ्यर्थी हैं। यह परीक्षाएं प्रदेश के 1716 केंद्रों पर कराई जाएंगी।
पीजीटी के 2495 पदों के लिए 4,93,401 अभ्यर्थी हैं और यह परीक्षा प्रदेश में 1176 केंद्रों पर कराई जाएगी।
वाराणसी जनपद में 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं और यहां दोनों परीक्षाओं में 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी परीक्षा देंगे।
टीजीटी 7 और 8 अगस्त को और पीजीटी की परीक्षा 17 और 18 अगस्त को कराई जाएगी।
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