प्रदेश में गन्ना पर्यवेक्षकों की सेवा नियमावली में दी गयी अनिवार्य
शैक्षिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति की जाएगी।
इस बारे में हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने गुरूवार को आदेश जारी किया।
विस्तृत जानकारी देते हुए गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश सरकार द्धारा बेरोजगार युवाओं के अधिकाधिक रोजगार सृजन के लिए पारित निर्देशों के क्रम में गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करने के लिए 437 पदों के लिए अधियाचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजा गया था।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा इन नियुक्तियों के लिए लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार की प्रक्रिया सम्पन्न कर ली गयी थी, परन्तु डोएक सोसाइटी द्वारा प्रदत्त सी.सी.सी. प्रमाण-पत्र जिन अभ्यर्थियों के पास नहीं था।
यही नहीं जिनके द्वारा कृषि स्नातक में विषय के रूप में कम्प्यूटर से सम्बन्धित पाठ्यक्रम उत्तीर्ण किया गया हो, को साक्षात्कार में शामिल न करने के फलस्वरूप मोहित कुमार व अन्य द्वारा हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ में एक याचिका दायर की गयी थी।
विभाग द्वारा प्रस्तुत आधारों एवं तथ्यों को मद्देनजर रखते हुए विभाग के पक्ष में फैसला दिया। जिसस उक्त 437 पदों पर गन्ना पर्यवेक्षकों की नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया।
भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि आयोग की संस्तुति प्राप्त होते ही चयनित अभ्यर्थियों के पुलिस वेरीफिकेषन और चिकित्सकीय परीक्षण के लिए पत्र जारी कर दिये जाएगें।
चयनित अभ्यर्थियों से अपील है कि वो शीघ्र ही अपना चिकित्सकीय परिक्षण सम्पन्न करा लें, ताकि नियुक्ति पत्र शीघ्रातिषीघ्र निर्गत किये जा सके, साथ ही यह भी बताया कि नव नियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों के विभाग में आने के बाद जमीनी स्तर पर विकास, सर्वे, एवं क्रय से सम्बन्धित कार्यों में आसानी होगी।
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