राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के मुताबिक अब देश के
सभी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी।
केंद्र देश के कुछ चुनिंदा टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेजों में इस पाठ्यक्रम को पायलट मोड में शुरू करेगे। 2030 तक सभी बीएड कॉलेजों को इस कोर्स के संचालन के लिए संरचनात्मक और मानव संसाधन संबंधी बदलाव लाना होगा। इसकी आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई है।
बिहार में अभी चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड पाठ्यक्रम की पढ़ाई सिर्फ आधा दर्जन संस्थानों में होती है। यह कोर्स बहु-विषय एवं अंतर-विषयगत वातावरण में होगा। इसे चरणबद्ध तरीके से कार्यान्वित किया जाएगा।
उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने अन्य विभागों के मौजूदा भौतिक संसाधनों को साझा करना होगा। इसके लिए एनसीटीई विनियम-2014 में संशोधन किया गया है। चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स आठ सेमेस्टर का होगा। छात्रों को 18 सप्ताह का इंटर्नशिप करना होगा।
इंटर्नशिप में क्षेत्र आधारित अनुभव व अभ्यास शिक्षण भी अनिवार्य रूप से करना होगा। कोर्स को अधिकतम छह वर्ष में पूरा करना होगा।
राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के माध्यम से होगा नामांकन
इस चार वर्षीय पाठ्यक्रम में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी के माध्यम से राष्ट्रीय सामान्य प्रवेश परीक्षा के जरिए नामांकन लिया जा सकेगा।
प्रवेश परीक्षा ऑनलाइन कम्प्यूटर आधारित होगा। अभ्यर्थी बीए बीएड/बीएससी बीएड/ बीकॉम बीएड में नामांकन ले सकेंगे। इस तरह अभ्यर्थियों को चार वर्ष में ही स्नातक के साथ-साथ बीएड करने का मौका मिलेगा। इससे उनका एक वर्ष बचेगा।
No comments:
Post a Comment