राजकीय विद्यालयों में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग से चयनित
कला विषय के सहायक अध्यापकों (एलटी ग्रेड) के 90 अभ्यर्थियों की नियुक्ति अर्हता विवाद में फिर फंस गई है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आयोग को चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की संस्तुति से संबंधित फाइलें वापस भेज दी हैं।
एलटी ग्रेड के 15 विषयों के 10768 पदों पर भर्ती परीक्षा 29 जुलाई 2018 को हुई थी।
इनमें कला के 470 (192 पुरुष और 278 महिला वर्ग) पद थे। कला विषय के लिए बैचलर ऑफ फाइन आर्ट (बीएफए) एवं बीएड या कला से स्नातक एवं बीएड डिग्रीधारी ही आवेदन कर सकते थे।
लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों ने भी आवेदन कर दिया, जिन्होंने बीएफए तो किया था लेकिन उनके पास बीएड की डिग्री नहीं थी। लिखित परीक्षा में ऐसे 90 अभ्यर्थियों का चयन भी हो गया।
अर्हता पूरी न करने के कारण आयोग ने इनकी संस्तुति नहीं भेजी। जब इन अभ्यर्थियों ने दबाव बनाया तो आयोग ने नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) से सलाह मांगी। एनसीटीई ने साफ किया कि केंद्रीय व नवोदय विद्यालयों में केवल बीएफए वालों को भी अर्ह माना जाता है।
एनसीटीई की सलाह पर आयोग ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को इन 90 अभ्यर्थियों की संस्तुति भेजी थी। शिक्षा निदेशालय ने शासन से अर्हता संबंधी दिशा-निर्देश मांगे थे। लेकिन शासन से स्थिति स्पष्ट न होने पर विभाग ने आयोग को फाइलें वापस भेज दी हैं।
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