UPTET 2021 : Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test 2021 के अंतर्गत B.Ed. डिग्रीधारी अभ्यर्थियों का है जिसका मामला माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय पहुंचा है।
ज्ञात हो कि BED डिग्रीधारक प्राइमरी स्कूलों में नियुक्ति योग्य है या नहीं इस मसले को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय को फैसला लेना था लेकिन मामले पर 14 जुलाई तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश देते हुए NCTE को जवाब देने को कहा है।
क्या है पूरा मामला प्रकरण -
दरअसल BEd डिग्रीधारक पहले प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त होने के योग्य नही थे लेकिन NCTE के 28 जून 2018 के अधिसूचना के अनुसार BEd डिग्रीधारकों को भी योग्य मान लिया गया।
इस अधिसूचना को माननीय राजस्थान हाइकोर्ट में चुनौती दी गयी और राजस्थान उच्च न्यायालय ने अधिसूचना को गलत बताते हुए रद्द कर दिया और कहा कि B. Ed. डिग्रीधारक प्राइमरी स्कूल में सहायक शिक्षक होने के योग्य नही है।
BEd डिग्रीधारकों ने भी दी है एग्जाम -
वहीं दूसरी ओर NCTE के अधिसूचना को आधार मानकर हजारों BEd पूर्ण किए छात्र-छात्राओं ने भी UPTET 2021 की परीक्षाएँ दी है।
इसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा गया था कि माननीय राजस्थान हाइकोर्ट द्वारा इस अधिसूचना को रद्द किए जाने के बाद कोई नयी सूचना आयी है नही। मामले की सुनवाई 16 मई 2022 को होनी थी। तब तक कोई भी प्रमाण पत्र जारी न करने को कहा गया था।
राज्य सरकार ने दिया जवाब -
मामले पर उतर प्रदेश सरकार ने माननीय न्यायालय में जवाब देते हुए कहा कि UPTET एग्जाम NCTE के निर्देशानुसार मानक पर ही लिया जाता है।
माननीय राजस्थान हाइकोर्ट के फैसले के बाद NCTE का कोई संशोधित अधिसूचना जारी नही किया है। ऐसे में कोई कार्रवाई NCTE के अधिसूचना पर ही करना संभव है।
न्यायालय ने NCTE से माँगा जवाब -
अब माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने NCTE ने 14 जुलाई 2022 तक इस विषय पर जवाब दाखिल करने को कहा है।
अब देखना होगा कि क्या NCTE माननीय राजस्थान हाइकोर्ट के फैसले को मानकर संशोधित अधिसूचना जारी करता है या उसपर अपील करता है।
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