परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में आरक्षण विवाद का मसला हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से हल होने के बाद एक नंबर से पास अभ्यर्थियों को नौकरी की उम्मीद जग गई है।
इस भर्ती के लिए छह जनवरी 2019 को आयोजित लिखित परीक्षा के एक प्रश्न के चारों विकल्प गलत थे। लेकिन 12 मई 2020 को घोषित परिणाम में परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के विशेषज्ञों ने एक विकल्प को सही मान लिया था।
इसके खिलाफ अभ्यर्थियों की ओर से मई 2020 में दाखिल याचिका में हाईकोर्ट ने 25 अगस्त 2021 को उन अभ्यर्थियों का परिणाम घोषित करते हुए नियुक्ति देने का आदेश दिया था, जिन्होंने इस प्रश्न को हल करने की कोशिश की थी और एक अंक से सफल हो रहे थे।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार की ओर से दायर स्पेशल अपील को सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2022 को खारिज कर दिया था। इसके बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने उन अभ्यर्थियों से 10 से 19 जनवरी 2023 तक ऑनलाइन प्रत्यावेदन लिए थे, जिन्होंने 25 अगस्त 2021 तक हाईकोर्ट में याचिकाएं या अपील की थीं और एक नंबर से पास हो रहे थे।
निर्धारित अवधि में 3192 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। इनमें से 2249 अभ्यर्थियों के आवेदन सही थे और मेरिट में आने पर उनको नियुक्ति पत्र मिलना है।
हालांकि आरक्षण विवाद को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने एक नंबर वाले अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया रोक दी थी। एक नंबर की लड़ाई लड़ने वाले दुर्गेश शुक्ला का कहना है कि अब हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से फैसला होने के बाद नौकरी की उम्मीद जगी है।
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