उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 5083 तकनीकी अनुदेशकों की भर्ती - updatesbit

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उत्तर प्रदेश के स्कूलों में 5083 तकनीकी अनुदेशकों की भर्ती

प्रदेश भर के सरकारी अपर प्राइमरी स्तर के स्कूलों में 5083 तकनीकी अनुदेशकों की भर्ती होगी। आउटसोर्सिंग के माध्यम से इन्हें एक वर्ष के लिए नियुक्त किया जाएगा। सेवा अवधि पूरा होने के बाद सेवा संतोषजनक पाए जाने पर आगे नवीनीकरण किया जाएगा। जिले स्तर पर ही इनकी नियुक्ति की जाएगी और इन्हें करीब 15,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।


परिषदीय अपर प्राइमरी स्कूलों से लेकर पीएमश्री विद्यालय, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तथा अटल आवासीय विद्यालय तक में इनकी तैनाती की जाएगी। लर्निंग बाइ डूइंग के तहत ये अनुदेशक बच्चों को इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड इनवायरनमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एंड गार्डनिंग तथा होम एंड हेल्थ आदि की तकनीक सिखाएंगे।


प्रदेश भर के सरकारी अपर प्राइमरी स्तर के स्कूलों में 5083 तकनीकी अनुदेशकों की भर्ती होगी। आउटसोर्सिंग के माध्यम से इन्हें एक वर्ष के लिए नियुक्त किया जाएगा। सेवा अवधि पूरा होने के बाद सेवा संतोषजनक पाए जाने पर आगे नवीनीकरण किया जाएगा। जिले स्तर पर ही इनकी नियुक्ति की जाएगी और इन्हें करीब 15,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।

प्रदेश भर के सरकारी अपर प्राइमरी स्तर के स्कूलों में 5083 तकनीकी अनुदेशकों की भर्ती होगी। आउटसोर्सिंग के माध्यम से इन्हें एक वर्ष के लिए नियुक्त किया जाएगा। सेवा अवधि पूरा होने के बाद सेवा संतोषजनक पाए जाने पर आगे नवीनीकरण किया जाएगा। जिले स्तर पर ही इनकी नियुक्ति की जाएगी और इन्हें करीब 15,000 रुपए प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।


स्कूली बच्चों में तकनीकी कौशल विकसित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार तकनीकी अनुदेशक की बड़ी संख्या में भर्ती करने जा रही है। यह नियुक्तियां चूंकि जिले स्तर पर ही की जाएंगी, लिहाजा समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के नाम निर्देश जारी कर दिए गए हैं।


 लिहाजा जिलों में बहुत जल्द तकनीकी अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एक विद्यालय में अधिकतम दो तकनीकी अनुदेशकों की नियुक्ति होगी। नियुक्ति के लिए तकनीकी अनुदेशकों की आयु सीमा 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच तय की गई है।

नवीनीकरण में प्रधानाध्यापक की अहम भूमिका

तकनीकी अनुदेशकों द्वारा बच्चों को प्रदान की गई तकनीकी कौशल का ज्ञान विद्यार्थियों के लिए उपयोगी रहा या नहीं! तकनीकी अनुदेशक सरकार के मानकों पर खरे उतरे या नहीं! 

इन सभी पहलुओं के आंकलन के आधार पर प्रधानाध्यापकों या प्रभारी प्रधानाध्यापकों की संस्तुतियों के आधार पर ही एक साल की सेवा पूरी होने के बाद इनकी सेवा का नवीनीकरण किया जाएगा।

स्कूलों में तैयार की जा रही लर्निंग बाई डूइंग लैब

तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए स्कूलों में लर्निंग बाई डूइंग लैब की स्थापना की जा रही है ताकि विद्यार्थी लर्निंग बाई डूइंग (करके सीखो) के माध्यम से आसानी से तकनीकी ज्ञान अर्जित कर सकें और उसके बल पर तकनीकी क्षेत्रों में महत्वाकांक्षा पूर्ण हो सकें।


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