कोरोना के कारण केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और पेंशनर्स को मिलने वाले Dearness Relief पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) और पेंशनर्स को मिलने वाले Dearness Relief पर रोक लगाने का आदेश दिया था।
इसे 1 जनवरी 2020 , 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के लिए लागू किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार ने 1 जुलाई से इसे दोबारा बहाल करने का फैसला किया है।
बता दें कि महंगाई भत्ते पर रोक के कारण सरकार के खजाने में 37500 करोड़ रुपए के करीब आए थे जिसका इस्तेमाल महामारी से नियंत्रण पर किया गया।
वित्त मंत्री अनुराग ठाकुर ने सदन में बताया था कि सरकार ने कोरोना संकट को देखते हुए महंगाई भत्ते पर तात्कालिक रोक का फैसला किया था।
1 जुलाई 2021 से इसका पूरा फायदा मिलेगा. सरकार के इस फैसले से 50 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।
वर्तमान में उन्हें 17 फीसदी का महंगाई भत्ता मिलता है जो 1 जुलाई से बढ़कर 28 फीसदी हो जाएगा। इस तरह महंगाई भत्ते में अचानक से 11 फीसदी का उछाल आएगा।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, जनवरी 2020 से जून 2020 के लिए 3 फीसदी महंगाई भत्ता, जुलाई से दिसंबर 2020 के लिए 4 फीसदी महंगाई भत्ता और जनवरी 2021 से जून 2021 के लिए 4 फीसदी महंगाई भत्ता का ऐलान किया गया है।
इस तरह यह कुल मिलाकर 11 फीसदी होता है। सरकार ना सिर्फ महंगाई भत्ता बढ़ाएगी, बल्कि पुराना बकाया यानी एरियर समेत पूरी रकम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के अकाउंट में ट्रांसफर की जाएगी।
महंगाई भत्ता बढ़ जाने के बाद पेंशनर्स की पेंशन भी बढ़ जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड का योगदान भी बढ़ जाएगा।
पीएफ का कैलकुलेशन आपकी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता के आधार पर किया जाता है।
यह बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस का 12 फीसदी होता है। 12-12 फीसदी का भुगातन एंप्लॉयी और एंप्लॉयर दोनों की तरफ से किया जाता है।
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