नई शिक्षा नीति 2020 होंगी लागू : इस नई शिक्षा नीति का प्रभाव विद्यार्थियों के साथ-साथ अध्यापकों के शैक्षणिक व सह शैक्षणिक योग्यताओं पर भी पड़ रहा हैं।
बंद हो सकता है डिप्लोमा कोर्स
भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण किया जाता हैं। इस परिषद के द्वारा शिक्षक बनने के लिए योग्यता का निर्धारण किया जाता है। प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, व्याख्याता शिक्षक बनने के लिए योग्यता का निर्धारण भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा होता हैं।
नई आरसीआई (RCI ) एक नई रिपोर्ट ( परिपत्र ) के अनुसार प्राथमिक शिक्षक के लिए शिक्षा में स्नातक की प्रशिक्षण की योग्यता निर्धारित कर दी गई हैं। बीएड डिग्री धारक होना आवश्यक होगा। इसमें नई शिक्षा 2020 के अनुसार भविष्य में शिक्षा में डिप्लोमा कोर्स को बंद करने के लिए संकेत दिए गए हैं।
आरसीआई की कार्यकारी समिति की 88 वीं बैठक में एन ई पी के प्रावधानों को लागू करने की आवश्यकता पर विचार विमर्श के बाद यह संकेत दिए हैं।
2023 तक बहुआयामी पाठ्यक्रम लागू
वर्तमान में विशेष शिक्षा में प्रशिक्षण हेतु दिव्यांगता की श्रेणियों के अनुसार दृष्टिबाधित श्रवण बाधित आदि विभिन्न श्रेणियों में डिप्लोमा कोर्स करवाए जाते हैं। भविष्य की संभावनाओं व संकल्पना को देखते हुए अब भारतीय पुनर्वास परिषद ने आगामी सालों में 2030 तक सभी पाठ्यक्रमों को बहुआयामी स्तर पर आयोजित करने का निर्णय लिया हैं।
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