माध्यमिक शिक्षकों के चोरी-चुपके हो रहे ट्रांसफर से आक्रोश है।
16 जुलाई 2019 को शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) ने स्वयं कोई भी ऑफलाइन स्थानांतरण न करने का सख्त आदेश जारी किया था लेकिन इसके बावजूद बैकडोर से तबादले हो रहे हैं।
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9 जुलाई को अनीता सिंह सहायक अध्यापिका को नगर निगम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय वाराणसी से जेपी मेहता इंटर कॉलेज वाराणसी तथा रतनलाल प्रवक्ता को मधुसूदन इंटर कॉलेज जसपुरा बांदा से लल्लू लाल इंटर कॉलेज कानपुर नगर में स्थानांतरित कर दिया गया।
इससे पहले 12 मई को प्रवक्ता साधना सिंह राजपूत का ट्रांसफर रमा देवी बालिका इंटर कॉलेज प्रयागराज से महिला महाविद्यालय इंटर कॉलेज लखनऊ किया गया था।
ये स्थिति तब है जबकि लगभग 32 शिक्षक-शिक्षिकाओं के ट्रांसफर की फाइल सारी औपचारिकताओं के बाद पिछले जून-जुलाई से शिक्षा निदेशालय में धूल फांक रही है और जिस पर विचार नहीं किया जा रहा है।
27 जनवरी 2020 को ऑनलाइन ट्रांसफर के लिए दिशा-निर्देश जारी हुए थे।
6 महीने बीतने के बावजूद न तो सॉफ्टवेयर बन पाया और न ही शिक्षकों के पदों की स्थिति अपलोड करने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षकों ने अब तक सूचना उपलब्ध कराई।
जिन शिक्षकों का ट्रांसफर लंबित है उनमें से 11 ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है।
कोर्ट ने 9 जुलाई को सुनवाई कर एक सप्ताह में सरकार और अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक से जवाब मांगा है। 16 जुलाई को फिर सुनवाई होनी है।
इनका कहना है
माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी का कहना है कि उपमुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि केवल अपने लोगों का ट्रांसफर क्यों किया जा रहा है?
आम अध्यापकों के ऑनलाइन ट्रांसफर प्रक्रिया को क्यों नहीं क्रियान्वित किया जा रहा है?
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