प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2021
में पहली बार दो स्तर पर डिबार स्कूलों की सूची बनाई जाएगी।
पिछले साल तक बोर्ड अपनी तरफ से डिबार स्कूलों की लिस्ट जारी करता था जिसमें सामूहिक नकल, पुन: परीक्षा, पेपर लीक, अनर्ह छात्रों के फॉर्म अग्रसारित करने जैसे गंभीर प्रकरणों पर स्कूलों को केंद्र नहीं बनाया जाता था। पूर्व की परीक्षा में जिलों से मिली शिकायत और संस्तुतियों के आधार पर डिबार करने का निर्णय परीक्षा समिति की बैठक में लिया जाता था।
इस बार केंद्र निर्धारण नीति के अनुसार उन स्कूलों को केंद्र नहीं बनाया जाना है जहां वर्ष 2020 की परीक्षा में निरीक्षण के समय गंभीर अनियमितता, हिंसात्मक या आगजनी की घटना आदि हुई हो या परीक्षा केंद्र के बाहर उत्तर पुस्तिकाएं लिखते हुए पकड़ने आदि का तथ्य संज्ञान में आया हो।
ऐसे विद्यालयों के असुरक्षित वातावरण एवं अनुपयुक्तता की अनुभूत स्थिति के मद्देनजर, डिबार मानते हुए 2021 में परीक्षा केंद्र न बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
इस संबंध में सचिव यूपी बोर्ड दिव्यकांत शुक्ल ने 3 दिसंबर को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर परीक्षा के दौरान हुई अनियमितताओं की रिपोर्ट 15 दिसंबर तक मांगी है। जानकारों की मानें तो इस साल डीआईओएस को अधिकार मिलने के कारण मनमानी और विवाद भी बढ़ने की आशंका है।
जिन स्कूलों को बिना किसी पुख्ता प्रमाण के डिबार किया जाएगा वे हाईकोर्ट जाएंगे।
इनका कहना है
यूपी बोर्ड सालों से परीक्षा कराता आ रहा है। हर प्रक्रिया के लिए कायदे-कानून बने हुए है। ऐसे में स्कूलों को डिबार करने के लिए डीआईओएस से समानान्तर सूची मांगने से विसंगतियां पैदा होगी और परीक्षा पारदर्शी तरीके से होने में बाधा आएगी।
सुरेश कुमार त्रिपाठी, शिक्षक विधायक
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