इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डीएवीडी) में प्रश्नपत्रों का स्तर अब 12 वीं
तक करने की तैयारी है।
सेमेस्टर परीक्षाओं में अब 8 वीं स्तर तक के ही प्रश्न पूछे जाते हैं। परीक्षा और दस्तावेजारी की ओर से प्रश्नपत्रों की प्रकृति में बदलाव का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है।
राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के नियमों के अनुसार डीएलएड में प्रवेश की न्यूनतम योग्यता 12 वीं पास होनी है। लेकिन यूपी में स्नातक पास अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण कराया जाता है।
इसलिए पेपर का स्तर कम से कम 12 वीं तक रखने का सुझाव दिया गया है।
यूपी के 67 जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों में डीएवीड की 10600 और 3103 निजी कॉलेजों में 231600 स्कूल हैं।
आंतरिक मूल्यांकन में 30 प्रतिशत अंक देने का प्रस्ताव
प्रयागराज। पेपर में स्तर बढ़ाने के साथ ही अंक के विभाजन में बदलाव का भी प्रस्ताव भेजा गया है।
वर्तमान में सेमेस्टर परीक्षा से अधिक गहन मूल्यांकन के अंक हैं। उदाहरण के तौर पर आंतरिक में 400 तो लिखित परीक्षा के लिए 350 अंक ही निर्धारित है।
इसके कारण कई बार निजी कॉलेजों द्वारा रुपये के बारे में प्रशिक्षणक्षुओं को अधिक अंक देने की शिकायत मिलती रहती है। कई बार प्रशिक्षणक्षुओं ने रुपये न देने पर कॉलेजों पर कम अंक देने या फेल करने की भी शिकायत की है।
प्रस्ताव में आंतरिक मूल्यांकन के लिए कुल पूर्णांक का अधिकतम 30 प्रतिशत अंक देने की बात है।
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