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मानदेय वृद्धि व तबादले की आस लगाए बैठे अनुदेशक , परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात अंशकालिक अनुदेशकों का वर्षों से मानदेय नहीं बढ़ा

बहराइच: परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में तैनात अंशकालिक


अनुदेशकों का वर्षों से मानदेय नहीं बढ़ा है।

 यही नहीं दूर दराज के विद्यालयों में तैनाती मिलने से सैकड़ों अनुदेशकों को अल्प मानदेय में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिसको देखते हुए अनुदेशकों ने एक पखवाड़े तक ट्यूटर अभियान चलाकर सरकार से मानदेय वृद्धि व गृह ब्लॉक में तबादले की मांग की है। 

अनुदेशकों ने बताया कि पिछले 5 सालों से सरकार से लगातार ज्ञापन, धरना प्रदर्शन व ट्विटर अभियान आदि के माध्यम से मांग कर रहे हैं।

उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य को मजबूती प्रदान करने के लिए वर्ष 2013 में सपा सरकार की ओर से अंशकालिक अनुदेशकों की तैनाती की गई थी।

 जिसके तहत इन्हें काफी दूर अलग-अलग ब्लॉकों में तैनाती मिली थी, लेकिन अब घर से काफी दूर और कम वेतन अनुदेशकों के लिए मुसीबत बन गया है।

 कोरोना संक्रमण के बाद 1 जुलाई से एक बार फिर से स्कूल खुल रहे हैं, और अनुदेशकों को शिक्षण कार्य शुरु करना है।

60 किमी दूर मिहींपुरवा में हैं में तैनात अनुदेशक

बहराइच मटेरा, रिसिया, नवाबगंज, नानपारा, शिवपुर क्षेत्र के रहने वाले अनुदेशकों को मिहींपुरवा ब्लॉक के वन क्षेत्रों में स्थापित विद्यालयों गिरजापुरी, पारसपुरवा, रमपुरवा मटेही, कोहली, सेमरीमलमला, आंबा, बर्दिया, मिल्कियत व सुजौली क्षेत्र में तैनाती मिली है।

 जिसके चलते कई अनुदेशकों को 60 किलोमीटर से भी अधिक लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

 वहीं मिहींपुरवा क्षेत्र के निवासी अनुदेशकों को हुजूरपुर, पयागपुर, चित्तौरा व फखरपुर में तैनाती मिली है। जिसके चलते इन्हें भी काफी लंबा समय तय करना पड़ रहा है।

 अनुदेशकों का कहना है कि उनके धन व समय दोनों की बर्बादी हो रही है।


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