देशभर के संस्थानों में जारी दो वर्षीय बीएड कोर्स की अब सेमेस्टर सिस्टम में पढ़ाई होगी।
बीएड सिलेबस में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मौजूद सर्वश्रेष्ठ क्रियाकलाप शामिल होंगे। कोर्स में भारतीय मूल्य, भाषा, ज्ञान, सिद्धांत और परंपराओं को भी जगह मिलेगी।
कौशल कोर्स का मुख्य आधार रहेगा।
नए कोर्स का जोर 21वीं शताब्दी के कौशल के अनुरूप शिक्षकों को तैयार करने पर होगा। अभी बीएड पाठ्यक्रम वार्षिक प्रणाली पर आधारित है।
एनसीटीई ने बनाया वर्किंग ग्रुप, मेरठ भी शामिल
एनसीटीई ने च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में बीएड
कोर्स तैयार करने के लिए 12 सदस्यीय वर्किंग ग्रुप बनाया है।
एनआईओएस से प्रो. सरोज शर्मा ग्रुप की चेयरपर्सन होंगी। एनसीटीई से अनिल कुमार इसके समन्वयक और विचित्रा चौधरी सह-समन्वयक रहेंगी।
देशभर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से नौ सदस्य ग्रुप में रहेंगे। इसमें चौधरी चरण सिंह विवि से एजुकेशन के प्रोफेसर डॉ.पीके मिश्रा भी हैं।
ग्रुप को तीन महीने में निर्धारित बिंदुओं को फोकस करते हुए रिपोर्ट देनी होगी।
नए बीएड सिलेबस की खास बातें-
-एनईपी-2020 की सिफारिशों को समाहित करेगा।
-एक समान सेमेस्टर फॉर्मेट
-सभी स्तरों पर कोर्स की व्यापकता और जरूरत
-21वीं शताब्दी के अनुसार कौशल पर जोर
राज्य स्तर पर तैयार हुआ है अभी कोर्स
हाल में राज्य स्तर पर प्रदेश सरकार ने न्यूनतम समान पाठ्यक्रम के तहत बीएड कोर्स डिजाइन कराया था।
यह कोर्स वेबसाइट पर अपलोड है।
चूंकि नियामक संस्था एनसीटीई है, ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर बीएड पाठ्यक्रम को डिजाइन करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
राज्य सरकार ने भी बीएड कोर्स को एनटीईटी के आधार पर ही अगले सत्र से लागू करने का फैसला किया है। एनसीटीई ने सिलेबस तैयार करने के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं।
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