उत्तर प्रदेश के तकरीबन 1.13 लाख परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में
पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को हिन्दी और अंग्रेजी बोलने का सलीका अब गूगल सिखाएगा।
मिशन प्रेरणा के तहत बच्चों के हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के पठन कौशल को सुधारने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने गूगल से समझौता किया है।
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इसके अंतर्गत गूगल ने रीड एलांग एप्लीकेशन (जिसे पहले गूगल बोलो नाम से जाना जाता था) तैयार किया है, जिसकी मदद से सटीक उच्चारण सिखाया जाएगा।
मिशन प्रेरणा को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप), केआरपी (की रिसोर्स पर्सन) और एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) 20 जुलाई से प्रदेशभर के तकरीबन 5.50 लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं।
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इसी ट्रेनिंग के तहत शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों को लक्ष्य दिया गया है कि वह अपने स्कूल के सभी अभिभावक (जिनके पास स्मार्ट फोन है) के मोबाइल पर गूगल एलांग एप को इंस्टाल करवाते हुए 30 जुलाई तक इस एप को इस्तेमाल करने की ट्रेनिंग प्रदान करें।
6 से 11 साल के बच्चों के लिए खासतौर से तैयार यह एप प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात है कि एक बार डाउनलोड करने के बाद यह पूरी तरह ऑफलाइन मोड पर उपलब्ध रहता है।
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इसकी मदद से बच्चे खेल-खेल में सटीक उच्चारण सीख जाते हैं। मोबाइल स्क्रीन पर जो वाक्य लिखकर आता है उसे बच्चों को सही बोलना होता है।
प्रत्येक शब्द का सही उच्चारण करने पर उसके ऊपर स्टार बनकर आ जाता है। इससे बच्चों को प्रोत्साहन मिलता है। जो शब्द सही न बोल पाएं तो उन्हें समझाया जाता है।
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सर्वे के दौरान 64 प्रतिशत बच्चों में दिखा सुधार-
प्रयागराज। इस एप के लिए गूगल इंडिया ने पिछले साल यूपी के 200 गांवों में सर्वे किया था। उस दौरान 64 प्रतिशत बच्चों के पठन कौशल में सुधार देखने को मिला था।
एक रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 में पढ़ने वाले तकरीबन 50 प्रतिशत बच्चे कक्षा दो के स्तर की किताबें पूरे आत्मविश्वास के साथ नहीं पढ़ सकते। इसमें यह मददगार होगा।
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इनका कहना है-
गूगल बोलो एप बहुत ही बढ़िया लर्निंग टूल है। ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान हम शिक्षकों से अनुरोध कर रहे हैं कि जिन अभिभावकों के पास स्मार्टफोन है उनके मोबाइल में 30 जुलाई तक इंस्टाल करवाते हुए उन्हें इसके इस्तेमाल के बारे में बताएं।
पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को हिन्दी और अंग्रेजी बोलने का सलीका अब गूगल सिखाएगा।
मिशन प्रेरणा के तहत बच्चों के हिन्दी और अंग्रेजी भाषा के पठन कौशल को सुधारने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने गूगल से समझौता किया है।
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इसके अंतर्गत गूगल ने रीड एलांग एप्लीकेशन (जिसे पहले गूगल बोलो नाम से जाना जाता था) तैयार किया है, जिसकी मदद से सटीक उच्चारण सिखाया जाएगा।
मिशन प्रेरणा को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए एसआरजी (स्टेट रिसोर्स ग्रुप), केआरपी (की रिसोर्स पर्सन) और एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) 20 जुलाई से प्रदेशभर के तकरीबन 5.50 लाख शिक्षकों, शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं।
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6 से 11 साल के बच्चों के लिए खासतौर से तैयार यह एप प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात है कि एक बार डाउनलोड करने के बाद यह पूरी तरह ऑफलाइन मोड पर उपलब्ध रहता है।
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प्रत्येक शब्द का सही उच्चारण करने पर उसके ऊपर स्टार बनकर आ जाता है। इससे बच्चों को प्रोत्साहन मिलता है। जो शब्द सही न बोल पाएं तो उन्हें समझाया जाता है।
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एक रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 में पढ़ने वाले तकरीबन 50 प्रतिशत बच्चे कक्षा दो के स्तर की किताबें पूरे आत्मविश्वास के साथ नहीं पढ़ सकते। इसमें यह मददगार होगा।
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इनका कहना है-
गूगल बोलो एप बहुत ही बढ़िया लर्निंग टूल है। ऑनलाइन प्रशिक्षण के दौरान हम शिक्षकों से अनुरोध कर रहे हैं कि जिन अभिभावकों के पास स्मार्टफोन है उनके मोबाइल में 30 जुलाई तक इंस्टाल करवाते हुए उन्हें इसके इस्तेमाल के बारे में बताएं।
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