प्रयागराज : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में प्रशिक्षित
स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी)भर्ती 2020 के लिए शिक्षकों के जिन रिक्त पदों की सूचना मिल चुकी है, उन्हें जिला विद्यालय निरीक्षकों के अनुरोध पर निरस्त नहीं किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उपसचिव नवल किशोर ने 8 सितंबर की बैठक में लिए गए निर्णय का हवाला देते हुए शनिवार को स्पष्ट किया है कि ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त अधियाचन के सापेक्ष विभिन्न जिलों के डीआईओएस से संशोधन के लिए जो भी ऑफलाइन अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं, उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। यानि डीआईओएस के अनुरोध पत्र से अधियाचन निरस्त नहीं हो सकता।
दरअसल सारा खेल जिलास्तर पर ही होता है। डीआईओएस स्कूल प्रबंधकों से साठगांठ कर रिक्त पदों पर शिक्षकों की अनियमित नियुक्ति की अनुमति दे देते हैं और बाद में चयन बोर्ड को पत्र भेजकर अधियाचन में संशोधन का अनुरोध करते हैं।
टीजीटी-पीजीटी 2020 की भर्ती में भी यह खेल हुआ है। चयन बोर्ड अध्यक्ष वीरेश कुमार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष टीजीटी के 12949 और पीजीटी के 2609 रिक्त पदों को भरने का प्रस्ताव रखा था लेकिन बाद में डीआईओएस की ओर से मिले संशोधन के प्रस्ताव के कारण टीजीटी के पद घटाकर 12913 और पीजीटी के 25895 करना पड़ गया था।
डीआईओएस की मनमानी के कारण ही टीजीटी-पीजीटी 2016 के चयनित 125 से अधिक शिक्षक चार महीने से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
चयन बोर्ड ने चयनित शिक्षकों को जुलाई में स्कूल आवंटित किया था लेकिन जब ये कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे तो प्रबंधक ने विभिन्न कारणों से पद भरे होने की बात कहते हुए वापस कर दिया।
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