UP के 1600 राजकीय हाईस्कूलों का हाल : नहीं हो सकी चपरासियों की नियुक्ति, खुद ताला खोलकर स्कूल में झाड़ू लगवा रहे गुरुजी, प्रधानाध्यापक परेशान - updatesbit

Career, Job and Money Tips

Post Top Ad

UP के 1600 राजकीय हाईस्कूलों का हाल : नहीं हो सकी चपरासियों की नियुक्ति, खुद ताला खोलकर स्कूल में झाड़ू लगवा रहे गुरुजी, प्रधानाध्यापक परेशान

 प्रयागराज : प्रदेश के तकरीबन 1600 राजकीय हाईस्कूलों में चतुर्थ


श्रेणी कर्मचारियों की तैनाती न होने से प्रधानाध्यापक और शिक्षक परेशान हैं।

 अधिकांश स्कूलों में प्रधानाध्यापक खुद अपने हाथ से कुर्सी मेज पर कपड़ा मारकर बैठते हैं।

 स्कूल परिसर में झाड़ू हफ्तों नहीं लगती। कभी-कभार बाहर से सफाई कर्मचारियों को बुलाकर अपनी जेब से रुपये देकर सफाई करवाई जाती है।

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत शैक्षिक सत्र 2009-10 से लेकर 2015-16 सत्र तक तकरीबन 2016 उच्च प्राथमिक स्कूलों को राजकीय हाईस्कूल के रूप में उच्चीकृत किए गए थे। इसका मकसद 8वीं तक पढ़ाई कर चुके अधिक से अधिक बच्चों को माध्यमिक स्तर की शिक्षा का लाभ देना था।

 सचिव शासन पार्थ सारथी सेन शर्मा ने 3 दिसंबर 2012 को इन स्कूलों में पद सृजन का आदेश जारी किया था।

प्रत्येक स्कूल में एक प्रधानाध्यापक, 7 शिक्षक और एक लिपिक की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा दो-दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आउटसोर्स के माध्यम से रखने का प्रावधान था। लेकिन आज तक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को रखा नहीं जा सका है।

 स्कूल खुलने से पहले गेट का ताला भी प्रधानाध्यापक को खोलना पड़ता है। सफाई कर्मचारियों की भी कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण बाहर से बुलाकर टॉयलेट की सफाई करानी पड़ती है। इसके चलते टॉयलेट की सफाई प्रतिदिन सम्भव नहीं हो पाती।

इनका कहना है

नई शिक्षा नीति लागू करने से पूर्व सभी राजकीय विद्यालयों में साफ-सफाई के लिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति जैसी आवश्यकताएं पूर्ण की जाएं क्योंकि इस नीति में राजकीय विद्यालय आदर्श केंद्र के रूप में कार्य करेंगे।


डॉ. रवि भूषण, महामंत्री उत्तर प्रदेश राजकीय शिक्षक संघ

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad