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60 हजार परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों की हजारों अपीलें बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में लंबित, शिक्षक परेशान

 प्रदेश के एक लाख 60 हजार परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों


की हजारों अपीलें बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय में लंबित हैं। सवा साल से सुनवाई नहीं होने के कारण शिक्षक परेशान हैं लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा।

 शिक्षा निदेशालय में बेसिक शिक्षा विभाग के कार्यालयों का शनिवार को निरीक्षण करने पहुंचे महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरन आनंद ने स्वीकार किया कि शिक्षकों की समस्याओं के समाधान में देरी हुई है। 

उन्होंने इस स्थिति पर नाराजगी भी जताई। पूर्व सचिव रूबी सिंह 31 मार्च 2020 को सेवानिवृत्त हुई थी।

 पारिवारिक कारणों से उनके अवकाश पर होने के कारण नवंबर 2019 से सुनवाई नहीं हो सकी। उसके बाद लॉकडाउन हो गया। लॉकडाउन के बाद कार्यालय खुले भी तो सुनवाई नहीं हुई।

 महानिदेशक ने मानव संपदा को सुदृढ़ करने और उसके लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने की भी बात कही।

बेसिक शिक्षा परिषद के हाईकोर्ट में लंबित तकरीबन 17 हजार मुकदमों की प्रभावी पैरवी के लिए लीगल सेल बनाने की बात दुहराई।

 कहा कि लीगल सेल में नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। लंबित मुकदमों को उच्च प्राथमिकता और सामान्य वर्ग में बांटते हुए हर सोमवार को बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से सूची लखनऊ भेजी जाएगी ताकि समय से निस्तारण हो सके।

अंतर जनपदीय के बाद पारस्परिक तबादले का नंबर-

पारस्परिक तबादले के लिए आवेदन करने वाले शिक्षकों ने महानिदेशक से मुलाकात की। महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि अंतर जनपदीय तबादले पूरे होने के बाद पारस्परिक स्थानान्तरण का नंबर आएगा।

 शिक्षकों का कहना है कि 2 दिसंबर 2019 के शासनादेश में स्पष्ट है कि सामान्य व पारस्परिक स्थानान्तरण की प्रक्रिया समानान्तर रूप से गतिमान रहेगी।

 31 दिसंबर 2020 को सामान्य स्थानान्तरण की सूची जारी हो गई लेकिन पारस्परित तबादले की लिस्ट जारी नहीं हो सकी है। शिक्षकों को दोनों में से एक प्रक्रिया के तहत आवेदन के लिए कहा गया था। 

तीसरी काउंसिलिंग में दिव्यांगों पर करेंगे विचार-

14 दिसंबर से बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरना दे रहे दिव्यांगों के संबंध में महानिदेशक ने तीसरी काउंसिलिंग में विचार करने को कहा है।

 दिव्यांग अभ्यर्थी 69000 भर्ती में तीन की बजाय चार प्रतिशत आरक्षण देने, उच्च गुणांक वाले दिव्यांग अभ्यर्थियों को दिव्यांग श्रेणी से बाहर रखने और दृष्टिबाधित एवं श्रवणहृास दिव्यांगजनों की बची हुई सीटों को चलन क्रिया बाधित अभ्यर्थियों से भरने की मांग कर रहे हैं।

 महानिदेशक के आश्वासन के बावजूद दिव्यांगों ने प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया है। 


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