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वेतन आयोग नहीं तो क्या? केंद्रीय कर्मचारी हैं तो पढ़िए ये खबर- नहीं रहेगी पे कमीशन पर टेंशन, दूर होंगे कन्फ्यूजन

 सरकारी नौकरी यानि बेफिक्री की नौकरी... ये हम नहीं कह रहे... बल्कि सरकारी नौकरी वालों को लेकर अधिकांश लोगों की कुछ ऐसी ही धारणा है। लेकिन सरकार अब लोगों की इस सोच को बदलने की तैयारी में दिखती है।


उन केन्द्रीय कर्मचारियों को तवज्जो मिलेगी, जो अपनी नौकरी और जिम्मेदारियों की फिक्र करते हैं। यानि परफॉर्मेंस के आधार सैलरी और प्रमोशन। चौंकिए नहीं...आने वाले दिनों में ये बात हकीकत में बदल सकती है।

क्योंकि सरकार ने आठवें वेतन आयोग को लेकर साफ कर दिया है कि ऐसा कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। हालांकि, सरकार ये भी कहा कि केन्द्रीय कर्मचारियों को तय समय पर मिलने वाले महंगाई भत्ते पहले की तरह ही मिलते रहेंगे।

 फिलहाल, अगर सरकार परफॉर्मेंस लिंक्ड इंक्रिमेंट का नियम लागू करती है तो इससे 48 लाख से ज्यादा केन्द्रीय कर्मचारियों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

अब तक कुल 7 पे कमीशन आ चुके हैं

पे कमीशन की बात करें तो अब तक कुल 7 पे कमीशन आ चुके हैं। पहला पे कमीशन जनवरी 1946 में बना था और सातवां पे कमीशन 28 फरवरी, 2014 को गठित हुआ था, जिसे 2016 में मंजूरी मिली। दरअसल, हर 10 साल पर वेतन आयोग का गठन होता है।

8वें वेतन आयोग को 2026 में आना प्रस्तावित है। लेकिन इसकी तैयारियां पहले से शुरू हो जाती हैं।

 फिलहाल तो सरकार परफॉर्मेंस लिंक्ड इंक्रिमेंट को लेकर कमर सकती दिख रही है। क्योंकि, सरकार एक तय सीमा तक डीए में बढ़ोतरी के बाद सैलरी में ऑटोमैटिक रिविजन का खाका तैयार कर रही है। ताकि समय-समय पर मैट्रिक्स के आधार पर अच्छे कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया जा सके।

पे कमीशन की खामियों को सुधारने की पहल

पे कमीशन को लेकर कुछ तकनीकी खामियां रही हैं जिसे सरकार सुधारना चाहती है। ऐसे में खबरों के मुताबिक सरकार पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के सुझाए गए फार्मूले पर भी विचार कर रही है। जिसमें कर्मचारियों का वेतन उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ाए जाने की बात कही गई है। इसे एक्रॉयड फॉर्मूले का नाम दिया गया है।

इसका मकसद है कि छोटे पद के कर्मियों के वेतन में भी सम्मानजनक बढ़ोतरी की जा सके। क्योंकि, मौजूदा पे कमीशन में सैलरी स्ट्रक्चर का जो सिस्टम है उसमें कम सैलरी वाले के बजाय हाई सैलरी वाले कर्मचारियों को ज्यादा फायदा मिलता है।

एक्रॉयड फॉर्मूले से क्या बदलेगा?

एक्रॉयड फॉर्मूले के फायदे की बात करें तो परफॉर्मेंस लिंक्ड इंक्रिमेंट से सबसे बड़ा इम्पैक्ट ये पड़ेगा कि इससे सरकारी कामकाज में सुधार आएगा। मेहनती और काम के प्रति ईमानदार कर्मचारियों को इससे प्रोत्साहन मिलेगा।

 धूल खाती फाइलों का तेजी से निपटारा होगा।निकम्मे कर्मचारियों की पहचान हो सकेगी. जिम्मेदारी से काम करने वाले कर्मचारियों का हौसला और मनोबल बढ़ेगा। सरकारी कामकाज में लेट-लतीफी से आने का चलन कम हो जाएगा। साथ ही इससे लालफीताशाही कल्चर में भी कमी आएगी।

आने वाले वक्त में क्या होगा?

- वेतन आयोग का प्रस्ताव नहीं।

- महंगाई भत्ता पहले की तरह ही मिलता रहेगा।

- वेतन आयोग नहीं तो क्या?

- परफॉर्मेंस लिंक्ड इंक्रिमेंट हो सकता है लागू।

- दायरे में आएंगे 48 लाख से ज्यादा केंद्रीय कर्मचारी।

पे-कमीशन पर कैसी चिंता?

- अब तक कुल 7 पे-कमीशन आ चुके हैं।

- पहला पे-कमीशन जनवरी 1946 में बना था।

- 7वें पे-कमीशन का 2014 में हुआ था गठन।

- 7वें पे-कमीशन को 2016 में मिली मंजूरी।

- हर 10 साल पर वेतन आयोग का होता है गठन।

- 8वां वेतन आयोग 2026 में प्रस्तावित।

पे-कमीशन का विकल्प?

- 'परफॉर्मेंस लिंक्ड इंक्रिमेंट' की तैयारी में सरकार।

- ऑटोमैटिक रीविजन का ड्राफ्ट बनाने की तैयारी।

- कर्मचारी का कामकाज बनेगा पे-मैट्रिक्स का आधार।

क्या चलेगा एक्रॉयड फॉर्मूला?

- पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया था सुझाव।

- परफॉर्मेंस के आधार पर बढ़ाई जाए सैलरी।

- छोटे पद के कर्मियों के वेतन में अच्छी बढ़ोतरी संभव।

पे-कमीशन की खामी

- कम सैलरी वाले की बजाय ज्यादा सैलरी वाले कर्मचारी को फायदा।

एक्रॉयड फॉर्मूले के फायदे

- सरकारी कामकाज में सुधार आएगा।

- मेहनती, ईमानदार कर्मचारियों को मिलेगा प्रोत्साहन।

- धूल खाती फाइलों का तेजी से निपटारा।

- निकम्मे कर्मचारियों की पहचान हो सकेगी।

- अच्छे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।


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