इलाहाबाद हाईकोर्ट ने संस्कृत प्रवक्ता चयन परीक्षा के विवादित
प्रश्न के उत्तर को सुधारने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से 10 सितम्बर के पहले इस प्रश्न उत्तर को सुधारकर नई उत्तरकुंजी जारी करने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने प्रवीण कुमार तिवारी व 11 अन्य की याचिका पर अधिवक्ता हौसला प्रसाद मिश्र को सुनकर याचिका निस्तारित करते हुए दिया है।
प्रवक्ता संस्कृत भर्ती 2016 में एक प्रश्न के उत्तर पर अभ्यर्थियों को आपत्ति है। प्रश्न था "ग्रामं गच्छस्तृणं स्पृशति" में 'तृणम्' पद में द्वितीया विभक्ति किस सूत्र से होती है?
चयन बोर्ड ने इस प्रश्न का उत्तर माना है 'तथायुक्तं चानिप्सितम्' जबकि अभ्यर्थियों का कहना है कि इस प्रश्न का उत्तर 'कर्मणि द्वितीया' होगा।
हालांकि यही प्रश्न प्रवक्ता परीक्षा 2013 में भी आया था। जिसमें चयन बोर्ड ने सुधार करते हुए इसका उत्तर 'कर्मणि द्वितीया' ही सही किया था।
वही गलती दोहराने पर यह याचिका दाखिल की गई थी। याचियों के अधिवक्ता हौसला प्रसाद मिश्र का कहना था कि याचियों ने 14 नवम्बर 2019 को प्रत्यावेदन देकर आपत्ति की लेकिन सुधार नहीं किया गया।
कोर्ट ने बोर्ड को 10 सितम्बर तक आफीसियल वेबसाइट पर सही उत्तर अपलोड करने का निर्देश दिया है।
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