अब गुरुजी को भी ऑनलाइन पढ़ना होगा और उसका मूल्यांकन
भी होगा।
उन्होंने क्या सीखा, इसकी ई-लर्निंग पासबुक तैयार होगी। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों का प्रशिक्षण अब ऑनलाइन होगा।
इसका 20 फीसदी भारांक उनकी गोपनीय आख्या में भी दिया जाएगा। इससे सरकार प्रशिक्षण पर खर्चे जाने वाले 125 करोड़ रुपये की बचत भी करेगी।
प्रशिक्षण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रक्रिया तय कर दी है। प्रतिवर्ष 100 कोर्स शिक्षकों को करवाए जाएंगे।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है।
आदेश के मुताबिक, राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद प्रशिक्षण के लिए कैलेण्डर जारी करेगी और इसके मुताबिक शिक्षकों को ऑनलाइन प्रशिक्षण लेना होगा।
हर प्रशिक्षण के बाद मूल्यांकन भी होगा। इसके लिए एससीईआरटी कैलेण्डर को छोटी डायरी की शक्ल में प्रशिक्षण की अवधि, लक्षित शिक्षक, मूल्यांकन अवधि समेत क्यूआर कोड आदि शिक्षकों को उपलब्ध कराएगा, इसी कोड को स्कैन कर कोर्स किया जा सकेगा।
अभी तक शिक्षकों का प्रशिक्षण ब्लॉक स्तर पर होता है। उसमें न तो शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की जाती है और न ही मूल्यांकन होता है। कई शिक्षक इन प्रशिक्षणों में जाते ही नहीं।
अक्सर प्रशिक्षण के लिए जमा होने वाले शिक्षकों के मनोरंजन के वीडियो भी वायरल होते हैं।
तैयार होगी शिक्षकों की ई लर्निंग पासबुक
दीक्षा ऐप के माध्यम से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां हर शिक्षक के बारे में एक क्लिक पर देखा जा सकेगा कि उसने कितने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पूरा कर लिया है।
दीक्षा ऐप के माध्यम से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। यहां हर शिक्षक के बारे में एक क्लिक पर देखा जा सकेगा कि उसने कितने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को पूरा कर लिया है।
उसका मूल्यांकन क्या रहा? उनकी ई-लर्निंग पासबुक से प्रशिक्षण का पूरा ब्यौरा देखा जा सकेगा।
वहीं यहां से अच्छी तरह ट्रेनिंग करने वाले शिक्षक भी चिह्नित हो जाएंगे। इसके साथ ही वार्षिक गोपनीय आख्या में 20 अंकों का भारांक सभी प्रशिक्षणों को पूरा करने के बाद ही दिया जाएगा।
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