शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों के स्नातक (यूजी) और (पीजी)
छात्रों के पहले वर्ष के सत्र शुरू होने की घोषणा कर दी है।
इसके अनुसार सभी विश्वविद्यालय 31 अक्टूबर तक एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह करेंगे।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश सरकार को 24 सितम्बर को किया तलब, देखें डिटेल्स
इसके अगले ही दिन एक नवंबर से यूजी और पीजी फर्स्ट इयर के लिए कॉलेज कैंपस खोले जाएंगे।
इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी।
जिसके बाद कॉलेजों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सीबीएसई ने दसवीं और 12 वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाएं भी आयोजित नहीं कीं, जिसमें छात्रों को पूर्व प्रदर्शन के आधार पर बचे हुए विषयों में नंबर दिए गए।
इसके अलावा इस साल कॉलेजों के दाखिले भी काफी लेट हुए हैं। छात्र अभी तक असमंजस में थे कि एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन कॉलेज में इस साल भी होगा या नहीं।
लेकिन सरकार ने विश्वविद्यालयों को कोरोना प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य मिनिस्ट्री की गाइडलाइन का पालन करते हुए कॉलेज कैंपस खोलने को कहा है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी से सलाह के बाद ये फैसला लिया गया है।
AIIMS ऋषिकेश द्वारा 31 असिस्टेंट इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर और मैकेनिक के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित, 17 अक्टूबर 2020 से पहले करें आवेदन
इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी।
जिसके बाद कॉलेजों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सीबीएसई ने दसवीं और 12 वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाएं भी आयोजित नहीं कीं, जिसमें छात्रों को पूर्व प्रदर्शन के आधार पर बचे हुए विषयों में नंबर दिए गए।
इसके अलावा इस साल कॉलेजों के दाखिले भी काफी लेट हुए हैं। छात्र अभी तक असमंजस में थे कि एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन कॉलेज में इस साल भी होगा या नहीं।
लेकिन सरकार ने विश्वविद्यालयों को कोरोना प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य मिनिस्ट्री की गाइडलाइन का पालन करते हुए कॉलेज कैंपस खोलने को कहा है। शशिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी से सलाह के बाद ये फैसला लिया गया है।
बता दें कि स्कूल और कॉलेजों को खोलने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुका है। इसके अनुसार कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सबसे जरूरी है। इसके अलावा कैंपस में वर्क पहनना भी अनिवार्य होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार नोटबंदी जोन के छात्र अभी भी कॉलेज या स्कूल जवाइन नहीं कर सकते
54 हजार 120 सहायक अध्यापकों की तबादला सूची 15 अक्तूबर को, शिक्षक- शिक्षिका 1 से 3 अक्टूबर तक अपने आवेदन पत्र में कर सकेंगे आवश्यक संशोधन
कोरोना से बदले नजर आएंगे कैंपस
कोरोना के कहर ने लोगों की लाइफस्टाइल पर बड़ा असर डाला है। साथ ही इसने बच्चों और जीनएजर्स की जिंदगी को भी प्रभावित किया है।
कभी कॉलेज कैंपस जाने का क्रेज अब कोरोना के डर से काफी कम दिख रहा है।
इसके अलावा कैंपस भी अब पहले की तरह नहीं रहेंगे। यहां क्लासरूम में बैठने से लेकर मेस, लाइब्रेरी, हॉस्टल और कैंटीन तक के लिए नियम बदल गए हैं।
अब विश्वविद्यालय या कॉलेज कैंपस के नए सत्रों में भले ही आपके लिए एक समान प्रदर्शन नहीं है, लेकिन जरूरी है।
कैंपस में पढ़ने जाने वाले छात्राओं के लिए ये नियम दोष से लागू होंगे।
छात्रों के पहले वर्ष के सत्र शुरू होने की घोषणा कर दी है।
इसके अनुसार सभी विश्वविद्यालय 31 अक्टूबर तक एडमिशन की प्रक्रिया पूरी तरह करेंगे।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश सरकार को 24 सितम्बर को किया तलब, देखें डिटेल्स
इसके अगले ही दिन एक नवंबर से यूजी और पीजी फर्स्ट इयर के लिए कॉलेज कैंपस खोले जाएंगे।
इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी।
जिसके बाद कॉलेजों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सीबीएसई ने दसवीं और 12 वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाएं भी आयोजित नहीं कीं, जिसमें छात्रों को पूर्व प्रदर्शन के आधार पर बचे हुए विषयों में नंबर दिए गए।
इसके अलावा इस साल कॉलेजों के दाखिले भी काफी लेट हुए हैं। छात्र अभी तक असमंजस में थे कि एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन कॉलेज में इस साल भी होगा या नहीं।
लेकिन सरकार ने विश्वविद्यालयों को कोरोना प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य मिनिस्ट्री की गाइडलाइन का पालन करते हुए कॉलेज कैंपस खोलने को कहा है। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी से सलाह के बाद ये फैसला लिया गया है।
AIIMS ऋषिकेश द्वारा 31 असिस्टेंट इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर और मैकेनिक के पदों के लिए आवेदन आमंत्रित, 17 अक्टूबर 2020 से पहले करें आवेदन
इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई थी।
जिसके बाद कॉलेजों और स्कूलों को बंद कर दिया गया था। सीबीएसई ने दसवीं और 12 वीं कक्षा की बची हुई परीक्षाएं भी आयोजित नहीं कीं, जिसमें छात्रों को पूर्व प्रदर्शन के आधार पर बचे हुए विषयों में नंबर दिए गए।
इसके अलावा इस साल कॉलेजों के दाखिले भी काफी लेट हुए हैं। छात्र अभी तक असमंजस में थे कि एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन कॉलेज में इस साल भी होगा या नहीं।
लेकिन सरकार ने विश्वविद्यालयों को कोरोना प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य मिनिस्ट्री की गाइडलाइन का पालन करते हुए कॉलेज कैंपस खोलने को कहा है। शशिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि यूजीसी से सलाह के बाद ये फैसला लिया गया है।
बता दें कि स्कूल और कॉलेजों को खोलने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय पहले ही गाइडलाइन जारी कर चुका है। इसके अनुसार कैंपस में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सबसे जरूरी है। इसके अलावा कैंपस में वर्क पहनना भी अनिवार्य होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के अनुसार नोटबंदी जोन के छात्र अभी भी कॉलेज या स्कूल जवाइन नहीं कर सकते
54 हजार 120 सहायक अध्यापकों की तबादला सूची 15 अक्तूबर को, शिक्षक- शिक्षिका 1 से 3 अक्टूबर तक अपने आवेदन पत्र में कर सकेंगे आवश्यक संशोधन
कोरोना से बदले नजर आएंगे कैंपस
कोरोना के कहर ने लोगों की लाइफस्टाइल पर बड़ा असर डाला है। साथ ही इसने बच्चों और जीनएजर्स की जिंदगी को भी प्रभावित किया है।
कभी कॉलेज कैंपस जाने का क्रेज अब कोरोना के डर से काफी कम दिख रहा है।
इसके अलावा कैंपस भी अब पहले की तरह नहीं रहेंगे। यहां क्लासरूम में बैठने से लेकर मेस, लाइब्रेरी, हॉस्टल और कैंटीन तक के लिए नियम बदल गए हैं।
अब विश्वविद्यालय या कॉलेज कैंपस के नए सत्रों में भले ही आपके लिए एक समान प्रदर्शन नहीं है, लेकिन जरूरी है।
कैंपस में पढ़ने जाने वाले छात्राओं के लिए ये नियम दोष से लागू होंगे।
No comments:
Post a Comment