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UPPSC भर्ती में कागज की कमी से रुकी फाइलें, चयनितों को सता रहा समकक्षों से जूनियर होने का डर

उत्तर प्रदेश लोक सेवा अयोग की ओर से जारी सहायक अध्यापक


(प्रशिक्षित स्नातक) परीक्षा-2018 से चयनित 462 अभ्यर्थियों को एक ही समय पर परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद समकक्ष से जूनियर होने का डर सता रहा है। 

दरअसल लोक सेवा आयोग ने राजकीय इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन 29 जुलाई को किया था। 10768 पदों के लिए हुई परीक्षा में दो चरणों में 13 विषयों के लिए परिणाम जारी किया जा चुका है।  जिसमें कुल 4243 अभ्यर्थी सफल हुए।

 इनमें 3317 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है और औपबंधिक रूप से चयनित 462 अभ्यर्थियों की फाइलें सत्यापन के दौरान अभिलेख की कमी की वजह रोक ली गई हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि तय समय में अपने अभिलेख जमा करा चुके हैं। 

तकरीबन नौ महीने का समय गुजर चुका है लेकिन अभी तक उनकी फाइलें निदेशालय नहीं भेजी गई हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके जो समकक्ष थे उन्हें नियुक्ति पत्र मिल चुका है। 

उनकी ज्वाइनिंग के जितने महीने बाद इन्हें ज्वाइनिंग मिलेगी वे उतने ही जूनियर होते जाएंगे। देर से फाइले भेजने पर हमारी नियुक्ति देर से होगी और इससे हमारी सर्विस बुक पर भी असर पड़ेगा। 


उत्तर प्रदेश लोक सेवा अयोग की ओर से जारी सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) परीक्षा-2018 से चयनित 462 अभ्यर्थियों को एक ही समय पर परीक्षा उत्तीर्ण करने के बावजूद समकक्ष से जूनियर होने का डर सता रहा है। दरअसल लोक सेवा आयोग ने राजकीय इंटर कॉलेज में सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन 29 जुलाई को किया था। 10768 पदों के लिए हुई परीक्षा में दो चरणों में 13 विषयों के लिए परिणाम जारी किया जा चुका है।  जिसमें कुल 4243 अभ्यर्थी सफल हुए। इनमें 3317 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जा चुका है और औपबंधिक रूप से चयनित 462 अभ्यर्थियों की फाइलें सत्यापन के दौरान अभिलेख की कमी की वजह रोक ली गई हैं। अभ्यर्थियों का आरोप है कि तय समय में अपने अभिलेख जमा करा चुके हैं। तकरीबन नौ महीने का समय गुजर चुका है लेकिन अभी तक उनकी फाइलें निदेशालय नहीं भेजी गई हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि उनके जो समकक्ष थे उन्हें नियुक्ति पत्र मिल चुका है। उनकी ज्वाइनिंग के जितने महीने बाद इन्हें ज्वाइनिंग मिलेगी वे उतने ही जूनियर होते जाएंगे। देर से फाइले भेजने पर हमारी नियुक्ति देर से होगी और इससे हमारी सर्विस बुक पर भी असर पड़ेगा। 


अनापत्ति प्रमाण पत्र की वजह से रुकी फाइल

औपबंधिक रूप से सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) पद पर चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन के समय किसी अभ्यर्थी का हाईस्कूल अंकपत्र, प्रमाण पत्र तो किसी की बीएड डिग्री, या अन्य विभाग में नौकरी करने वाले चयनित अभ्यर्थी के पास सम्बंधित विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था। इस वजह से इन अभ्यर्थियों की फाइलें रोक दी गई थीं।

 अंग्रेजी विषय के चयनित अभ्यर्थी सत्यम राय ने कहा कि सत्यापन के दौरान में उनके पास अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था। जिसे आयोग द्वारा दिए गए समय के अन्दर ही उपलब्ध करा दिया।  

प्रमाण पत्र देने के आठ महीने बाद भी उनकी फाइल निदेशालय नहीं जा सकी है। वहीं अंग्रेजी विषय में ही चयनित कुमारी प्रीती की बीएड डिग्री की वजह से फाइल रुकी थी।

 प्रीति ने बताया कि बीएड की डिग्री जमा किए हुए नौ महीने हो रहे हैं लेकिन अभी भी फाइल रुकी हुई है। 

15 जनवरी तक भेजने का मिला था आश्वासन

प्रतियोगी मोर्चा के संयोजक विक्की खान ने कहा कि इस सम्बंध में कई बार आयोग कार्यालय में धरना दिया गया। 

5 जनवरी को किए गए प्रदर्शन में आयोग के जनसम्पर्क अधिकारी से विविध मुद्दों पर बात हुई थी। 

उस दौरान उनकी तरफ से कहा गया था कि औपबंधिक रूप से चयनित अभ्यर्थियों की फाइले 15 जनवरी तक निदेशालय भेज दी जाएगी। 

विक्की खान ने कहा कि जिन अभ्यर्थियों ने समय से अभिलेख उपलब्ध करा दिए हैं। उनकी फाइले अतिशीघ्र आयोग को निदेशालय भेजना चाहिए।

औपबंधिक रूप से सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक) पद पर चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन के समय किसी अभ्यर्थी का हाईस्कूल अंकपत्र, प्रमाण पत्र तो किसी की बीएड डिग्री, या अन्य विभाग में नौकरी करने वाले चयनित अभ्यर्थी के पास सम्बंधित विभाग का अनापत्ति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था। 

इस वजह से इन अभ्यर्थियों की फाइलें रोक दी गई थीं। अंग्रेजी विषय के चयनित अभ्यर्थी सत्यम राय ने कहा कि सत्यापन के दौरान में उनके पास अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था। जिसे आयोग द्वारा दिए गए समय के अन्दर ही उपलब्ध करा दिया।  

प्रमाण पत्र देने के आठ महीने बाद भी उनकी फाइल निदेशालय नहीं जा सकी है। वहीं अंग्रेजी विषय में ही चयनित कुमारी प्रीती की बीएड डिग्री की वजह से फाइल रुकी थी। प्रीति ने बताया कि बीएड की डिग्री जमा किए हुए नौ महीने हो रहे हैं लेकिन अभी भी फाइल रुकी हुई है। 


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