स्कूल में कक्षाओं को स्मार्ट बनाने के लिए अब शिक्षक गुरु-दक्षिणा
मांगते नजर आएंगे।
समुदाय के सहयोग से स्मार्ट टीवी, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर, इन्वर्टर आदि का दान प्राप्त कर स्कूल में स्मार्ट कक्ष बनाये जाएंगे।
इसके लिए शिक्षकों से पुराने छात्रों, एनजीओ, कंपनियों आदि से सहयोग मागंने के लिए कहा गया है।
शासन ने ग्राम निधि से स्कूलों का कायाकल्प अभियान शुरू किया था। इस अभियान से स्कूलों का भौतिक परिवेश पूरी तरह से बदल चुका है। अब स्कूलों में स्मार्ट कक्षाओं की स्थापना के लिए कवायद तेज की गई है।
शासन से अभी इसके लिए कोई ग्रांट नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में सामुदायिक सहयोग से स्मार्ट कक्षों का निर्माण किया जाएगा। सभी शिक्षकों को यह आदेश दिया गया है कि वह अपने स्कूल के पुराने छात्रों, एनजीओ, कंपनियों, अपने क्षेत्र की विशिष्ट हस्तियों से संपर्क स्थापित करें।
उन्हें स्कूल में प्रोजेक्टर, टीवी, कंप्यूटर आदि लगवाने के लिए प्रेरित करें। 100 दिनों के प्रेरणा अभियान के दौरान इस कार्यक्रम को भी पूरी क्षमता के साथ चलाया जाना है।
एनजीओ आदि से खुद करना है संम्पर्क
खंड शिक्षा अधिकारी देवेश राय ने बताया कि एनजीओ और विशिष्ट लोग स्कूलों में पहले भी दान करते रहे हैं।
अब शिक्षकों की यह जिम्मेदारी है कि वह गुरु दक्षिणा के रूप में खुद जाकर अपने स्कूलों के लिए संसाधनों की मांग करें।
शेरगढ़ ब्लॉक में 80 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट कक्षाएं स्थापित हो चुकी हैं। शेष में इस अभियान के तहत स्मार्ट कक्षाएं स्थापित कराने का प्रयास है।
डिजिटल शिक्षण प्रणाली को करना है मजबूत
बीएसए विनय कुमार ने बताया कि समुदाय के सहयोग से स्मार्ट टीवी, कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर आदि प्राप्त कर कक्षाओं को स्मार्ट क्लास में रुपांतरित करने का अभियान शुरू किया गया है।
शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण प्रणाली और अधिक सशक्त बनाने के लिए समुदाय, एनजीओ, निजी कम्पनियों से सहयोग प्राप्त करने के लिए अनुरोध करने को कहा गया है।
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