कोरोना के कारण यूपी बोर्ड का 2021-22 शैक्षणिक सत्र जुलाई से
हो सकता है।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 56 लाख से अधिक छात्र छात्राओं की परीक्षाएं 20 मई तक स्थगित होने के बाद जो हालात बन रहे हैं उसके अनुसार शैक्षणिक सत्र पूर्व की तरह जुलाई से शुरू होना लगभग तय है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि हालात की समीक्षा करने के बाद मई के प्रथम सप्ताह में परीक्षा पर निर्णय लिया जाएगा। हालात नियंत्रित होने के बाद 20 मई के बाद परीक्षा कराने में कम से कम तीन सप्ताह का समय लग जाएगा।
10 जून के आसपास परीक्षा समाप्त होने पर जून अंत तक कॉपियां जांची जाएंगी।
उसके बाद एक महीने में परिणाम घोषित हो पाएगा। यानि जुलाई अंत या अगस्त से पहले रिजल्ट आने की संभावना नहीं है। ऐसे में यदि अप्रैल से सत्र लेकर चलेंगे तो बच्चों की चार महीने की पढ़ाई का नुकसान हो जाएगा।
एक जुलाई से सत्र होने पर एक महीने का ही नुकसान होगा जिसे मैनेज किया जा सकता है।
बोर्ड सूत्रों के अनुसार पहले भी जुलाई से सत्र शुरू होता था इसलिए इसमें कोई कठिनाई नहीं है।
पिछले साल बोर्ड परीक्षाएं होने के बाद लॉकडाउन लगा था और रिजल्ट 27 जून को घोषित हो सका था। इसलिए सत्र में परिवर्तन नहीं किया गया था।
युगल किशोर मिश्र (प्रधानाचार्य ज्वाला देवी सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, सिविल लाइंस) ने कहा, '2021-22 सत्र जुलाई से जून तक कर देना उचित होगा।
इससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा और बच्चे जो मनोवैज्ञानिक दबाव से गुजर रहे हैं उससे राहत मिलेगी।'
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