मामलों को देखते हुए दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था।
सूबे की सरकार ने 15 अप्रैल को दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित किया था। पंचायत चुनाव और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं स्थगित की गई थी।
हालांकि, अभी तक बोर्ड की तरफ से दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के संशोधित तारीख को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
सूबे की सरकार 20 मई के बाद दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर निर्णय लेगी।
उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का कहना है कि 20 मई तक कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखा जाएगा और उसके बाद हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ चर्चा के बाद दसवीं और बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं पर निर्णय लिया जाएगा। कोरोना वायरस की वजह से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा के बाद सरकारी विभाग रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत करेंगे।
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्णय के हिसाब से आगे की कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि इस साल करीब 56 लाख विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकरण किया है।
गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड ने इस साल दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा को रद्द कर दिया है।
विद्यार्थियों की सुरक्षा को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर दिया है और छात्रों को आंतरिक मूल्यांकन के जरिए पास करने का निर्णय लिया है।
वहीं, आईसीएसई बोर्ड ने भी दसवीं की परीक्षा को रद्द किया है। कई राज्यों के बोर्ड ने दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर आंतरिक मूल्यांकन के जरिए छात्रों को पास करने का निर्णय लिया है।
हालांकि, अभी तक यूपी बोर्ड ने दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है। पिछले साल यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 18 फरवरी से शुरू हो गई थी।
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