- पंचायत चुनाव में संक्रमित होकर मृत हुए 706 शिक्षकों की सूची
जिलाधिकारी सत्यापित करेंगे।
इन शिक्षकों की ड्यूटी पंचायत चुनाव में लगी थी और कोविड के कारण इनकी मौत हुई, इन बिन्दुओं पर जिलाधिकारियों को अपनी रिपोर्ट देनी है।
शिक्षकों ने इस पर आपत्ति उठाई है। उनका कहना है कि इस सूची में चौथे चरण और मतगणना में संक्रमित होकर मृत हुए शिक्षकों की संख्या नहीं है।
शिक्षक संघों का कहना है कि कई शिक्षकों की पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगाई गई थी।
प्रशिक्षण के समय ही ये संक्रमित हो गए और ड्यूटी नहीं कर पाए, वे बाद में मृत हो गए। उनको भी इस सूची में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि वे संक्रमित पंचायत चुनाव के प्रशिक्षण में हुए हैं।
इसे भी शासन को स्पष्ट करना चाहिए। वहीं 706 शिक्षकों की सूची 29 अप्रैल की है, जिसमें चौथे चरण के बाद संक्रमित होकर मृत हो गए शिक्षकों के नाम नहीं है।
यह सूची उप्र शिक्षक महासंघ ने 29 अप्रैल को राज्य निर्वाचन आयोग को सौंपी थी। इसमें 706 शिक्षकों के नाम, स्कूल के नाम और ब्लॉक-जिला था।
इस सूची को भी अब विभाग सत्यापित करवा रहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव में 135 शिक्षकों की मृत्यु पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया था।
इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ ने दावा किया कि 706 शिक्षकों की अब तक मृत्यु हो चुकी है।
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