ब्लैक फंगस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को
24 घंटे में सरकारी अस्पतालों में 21 नए मरीज भर्ती किए गए हैं।
राहत की बात यह है कि किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई। अब तक राजधानी के अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 290 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। इलाज के दौरान 26 मरीज दम तोड़ चुके हैं।
प्रदेश भर से सबसे ज्यादा मरीज केजीएमयू रेफर किए जा रहे हैं। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के मुताबिक मौजूदा समय में 186 मरीज भर्ती हैं।
16 नए मरीज भर्ती किए गए हैं। 24 घंटों में 10 मरीजों का ऑपरेशन किया गया। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस मरीजों को समुचित इलाज मुहैया कराया जा रहा है।
लोहिया संस्थान में दो नए मरीज भर्ती किए गए हैं। इन मरीजों को कोरोना संक्रमण भी है। अब तक 23 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। एक मरीज की छुट्टी की गई।
इसी तरह पीजीआई में तीन नए मरीज भर्ती किए गए हैं। अब तक पीजीआई में 33 ब्लैक फंगस मरीज भर्ती किए जा चुके हैं।
प्राइवेट से छुट्टी कराकर सरकारी में हो रहे भर्ती
दवा न मिलने से ब्लैक फंगस के मरीजों का इलाज अटक गया है। जान बचाने के लिए तीमारदार ऑपरेशन कराने के बाद मरीजों की छुट्टी कराकर सरकारी संस्थानों में भर्ती हो रहे हैं।
सिप्स अस्पताल से अब तक दो मरीज केजीएमयू में भर्ती हो चुके हैं। इन मरीजों के ऑपरेशन हो चुके हैं। इसी तरह गोमतीनगर के निजी अस्पताल से एक मरीज ने छुट्टी करा ली।
तीमारदारों ने मरीज को लोहिया संस्थान में भर्ती कराया है। तीमारदारों का कहना है कि सरकारी संस्थानों में लाइपोसोमल इम्पोटेरेसन-बी इंजेक्शन आसानी से मिल पा रहा है।
इसलिए प्राइवेट से छुट्टी कराई। हालांकि सरकारी संस्थानों में भी इंजेक्शन का संकट बरकरार है।
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