कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, डेल्टा प्लस वैरियंट के घातक स्वरूप ने बढ़ाई चिंता - updatesbit

Career, Job and Money Tips

Post Top Ad

कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, डेल्टा प्लस वैरियंट के घातक स्वरूप ने बढ़ाई चिंता

कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर की आशंका के बीच वायरस के


नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का घातक स्वरूप सामने से चिंताएं बढ़ गई हैं। 

दूसरी लहर में कोरोना के कहर से अब कुछ राहत मिली है, लेकिन तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है।

 इस बीच डेल्टा प्लस वैरिएंट की एंट्री हुई है। कई प्रदेशों में डेल्टा प्लस वैरिएंट के भी काफी केस मिले हैं।

 फिलहाल यहां राहत है पर विशेषज्ञ स्थितियों पर नजर रख रहे हैं।

सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय के मुताबिक कोरोना वायरस आए दिन अपना रूप बदल रहा है, जिस कारण वैज्ञानिकों और डॉक्टरों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

 सूचनाएं हैं कि इसका स्वरूप अब डेल्टा प्लस हो गया है। वायरस के बारे में अभी और रिसर्च की जरूरत है, जो चल रही है। ज्यादा कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी।

एमएलएन मेडिकल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष और कोबास लैब की प्रभारी डॉ. मोनिका ने बताया कि कोरोना वायरस का ‘डेल्टा प्लस’ प्रकार, डेल्टा प्रकार में उत्परिवर्तन होने से बना है। 

यह महामारी की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार था। यहां से केंद्रीय लैब भेजे गए नमूनों की रिपोर्ट यहां नहीं आई है। 

वायरस के नए प्रकार यानी डेल्टा प्लस वैरियंट के कारण बीमारी कितनी घातक हो सकती है, इसका अभी तक कोई संकेत नहीं मिला है। न ही स्थानीय स्तर पर इसकी जांच की फिलहाल कोई सुविधा है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. एके तिवारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव को कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना होगा। लोगों ने मास्क लगाना होगा, वह भी डबल। उचित दूरी के नियमों का पालन करना होगा। 

भीड़ में जाने से बचेंगे तो संक्रमणमुक्त रहेंगे। विभाग स्तर पर ज्यादा से ज्यादा मॉनिटरिंग और टेस्टिंग की जरूरत है। उन्होंने बताया कि फोकस और टॉरगेट ग्रुप की जांच की जा रही है।

 एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर नियमित जांच कराई जा रही है, जिससे संक्रमितों की पहचान कर प्रसार को रोका जा सके।

उन्होंने कहा कि वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस के संक्रमण और मरीजों में संक्रमण की तीव्रता पर अध्ययन करने की जरूरत है। 

एलथ्री एसआरएन अस्पताल के कोविड ब्लॉक के सह प्रभारी डॉ. सुजीत वर्मा ने बताया कि अभी तो ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता।

 आने वाले दिनों में इस नए वैरिएंट के संक्रमण की तीव्रता के बारे में सटीक जानकारी तब सामने आएगी, जब संक्रमित इलाज कराने अस्पताल में भर्ती होंगे। फिलहाल अभी राहत है। भविष्य में इलाज के लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं।


कोरोना के 11 नए संक्रमित, 11 मात देकर हुए स्वस्थ

 डेल्टा प्लस वेरियंट की आशंका के बीच बृहस्पतिवार को जिले में कोरोना के सिर्फ 11 मरीज चिह्नित किए गए। संक्रमितों की संख्या में चार की वृद्धि हुई है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अफसर इसे सामान्य बता रहे हैं। 

वहीं कई दिन बाद कोविड अस्पतालों में भर्ती किसी मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया गया। 

11 लोगों ने कोरोना को मात दी, सभी ने होम आइसोलेशन पूरा किया है। राहत की बात यह भी रही कि उपचार के दौरान किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई।

जिला सर्विलांस अधिकारी एसीएमओ डॉ. एके तिवारी के मुताबिक जिले में 7902 लोगों की कोविड जांच की गई। जांच के दौरान 11 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। सभी को मामूली लक्षणों के कारण होम आइसोलेशन में रहकर इलाज कराने की सुविधा दी गई।

 वहीं 24 घंटे में 11 लोगों ने संक्रमण को मात दी। स्वस्थ होने वाले सभी मरीज होम आइसोलेशन में रहे। 

डॉ. तिवारी के मुताबिक संक्रमण के प्रसार को रोकने और जांच का दायरा बढ़ाने का क्रम जारी है। कोविड जांच में लगी 50 मोबाइल टीमों को टीकाकरण के काम में लगाया गया है।

 संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर कोविड जांच के लिए टीमें लगाई गई हैं।

 फिलहाल टॉरगेट और फोकस जांच के दौरान संक्रमित नहीं मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि लोगों को संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाने और भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने की सलाह दी जा रही है।


ब्लैक फंगस के चार मरीज डिस्चार्ज, एसआरएन में अब 16 भर्ती

कोरोना संक्रमण काल की दूसरी लहर में ब्लैक फंगस पीड़ित चार मरीजों को उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया। बृहस्पतिवार को चार दिन के विशेष परीक्षण के बाद उन्हें संक्रमणमुक्त घोषित कर घर भेजा गया। एसआरएन अस्पताल में अब ब्लैक फंगस पीड़ित 16 मरीज भर्ती हैं। 

सह प्रभारी कोरोना डॉ. सुजीत के मुताबिक अस्पताल में ब्लैक फंगस पीड़ित छह मरीजों की सर्जरी की गई। कुल 23 मरीज आए। इनमें दो को एजीपीजीआई लखनऊ, एक संक्रमित को दिल्ली रेफर किया जा चुका है। 

उन्होंने बताया कि बेहतर देखरेख के कारण चार मरीज स्वस्थ हुए हैं। सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है।

No comments:

Post a Comment

Post Top Ad