एक जुलाई से लागू होने वाली सेवा के लिए भी संस्थान की
शुरुआत में विभाग की सुरक्षा विभाग की स्थापना होगी।
PACS के लिए 7414 माइक्रो प्रवासी PACS पैक मुहैया पैक्स पर टेस्ट करने के लिए टेस्ट करने के दौरान उन्हें टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता था।
मतदान कार्ड, आधार कार्ड
माइक्रो एटीएम पूरी तरह नेटबैकिंग से जुड़े रहेंगे। डेबिट कार्ड स्वैपिंग, आधार आधारित और बायोमैट्रिक प्रणाली से इस एटीएम से ग्रामीण अपने खाते से धनराशि निकाल सकेंगे।
इस एटीएम से ग्रामीण सहकारी बैंकों के साथ ही अन्य राष्ट्रीय और निजी क्षेत्र के डेबिड कार्ड से धनराशि निकाली जा सकेंगी।
जिला सहकारी बैंक और उ.प्र. सहकारी बैंक लि. के खाताधारक माइक्रो एटीएम का संचालन करने वाले बिजनेस प्रतिनिधि के माध्यम से धनराशि अपने खाते में जमा भी करा सकेंगे।
ग्रामीण बैकिंग के क्षेत्र में इसे क्रांतिकारी कदम के रूप में देखा जा रहा है।
21 करोड़ रुपये की लागत से खरीदे गए हैं माइक्रो एटीएम
उ.प्र. सहकारी बैंक लि. के प्रबंध निदेशक भूपेंद्र कुमार विश्नोई ने बताया है कि राज्य में स्थिति 6740 पैक्स के लिए 7414 माइक्रो एटीएम मंगाए गए हैं।
इन एटीएम की खरीद पर करीब 21 करोड़ रुपये व्यय हुए हैं। उन्होंने बताया है कि पैक्सों के माध्यम से फिलहाल सालाना 10 लाख रुपये माइक्रो एटीएम के माध्यम से निकासी होने का लक्ष्य रखा गया है।
ग्रामीण जैसे-जैसे इस सुविधा से जुड़ते जाएंगे यह लक्ष्य बढ़ा दिया जाएगा।
1391 पैक्स इस साल कंप्यूटरीकृत भी कर दिए जाएंगे
पैक्सों पर माइक्रो एटीएम मुहैया कराने के साथ ही पैक्स के कंप्यूटरीकरण का काम भी शुरू किया गया है।
294 पैक्स का कंप्यूटरीकरण नाबार्ड के सहयोग से किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष में 1391 पैक्स पर कंप्यूटर लगा दिए जाएंगे।
केंद्र सरकार के सहयोग से पैक्सों के कंप्यूटरीकरण का काम शुरू किया गया है। 60 फीसदी धनराशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी धनराशि राज्य सरकार अथवा यूपीसीबी व डीसीबी का लगेगा।
तीन साल में सभी पैक्स कंप्यूटरीकृत कर दिए जाएंगे। इस योजना पर करीब 58.81 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कंप्यूटरीकरण के साथ ही पैक्स सहकारी बैंकों के एक्सटेंशन के रूप में काम करने लगेंगे।
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